सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अयोध्या में राम मंदिर बनाना का रास्ता साफ हो गया है। 1989 में भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र का मुख्य एजेंडा अयोध्या में राम मंदिर बनाने का सपना उस समय पूरा हो रहा है जब उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार है।
हिंदुत्व के एजेंडे के सहारे अपनी सियासत को आगे बढ़ाने वाली भाजपा में नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ हिंदुत्व के दो सबसे बड़े चेहरे माने जाते है। अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को राम मंदिर ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब भाजपा ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने का क्रेडिट लेना शुरु कर दिया है। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ऐसे मुद्दों का समाधान हुआ है जो सालों से लंबित थे। चाहे वह धारा 370 को खत्म करने की बात हो या ट्रिपल तलाक पर बैन का मामला हो।
नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में हर मुश्किल और जटिल समस्या का समाधान मुमकिन है। उन्होंने अयोध्या विवाद के खत्म होने और राममंदिर बनने का रास्ता साफ होने पर पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार को बधाई दी।
नरेद्र मोदी 2.0 सरकार ने जिस तरह पहले ट्रिपल तलाक फिर जम्मू कश्मीर से धारा 370 को खत्म किया और अब भले ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले से अयोध्या में राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ हुआ है लेकिन इसका सियासी माइलेज और इसका श्रेय भाजपा के खाते में ही जुड़ेगा।
सियासत के जानकारों की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दूसरे कार्यकाल में जिस तेजी से एक-एक कर संघ के एजेंडे को पूरा कर रहे है। उसे वह हिंदुत्व की अपनी छवि को मजबूत कर रहे है।
अयोध्या में राम मंदिर बनने का काम अगले साल अप्रैल में रामनवमी के मौके पर शुरु होने की संभावना है और मंदिर निर्माण का पहला चरण 2022 तक पूरा होने का अनुमान जताया जा रहा है।
मंदिर निर्माण से जुड़े विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा कहते हैं कि मंदिर निर्माण के लिए लगभग 60 फीसदी पत्थरों के तराशने का काम पूरा हो चुका है और राम मंदिर के प्रस्तावित नक्शे के मुताबिक मंदिर निर्माण का काम तीन से 5 साल में पूरा हो सकता है।
खबरों के मुताबिक के खुद प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के निर्माण कार्य का शिलान्यास कर सकते हैं। प्रधानमंत्री खुद राम मंदिर के निर्माण की कमान अपने हाथ में रखने के लिए सरकार राम मंदिर ट्रस्ट में अपने किसी प्रतिनिधि को मनोनीत कर सकते है जिससे राम मंदिर निर्माण पर अपनी पूरी नजर रख सके।
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के सवाल पर वरिष्ठ पत्रकार रामदत्त त्रिपाठी कहते हैं कि निसंदेह भव्य राम मंदिर के निर्माण का पूरा क्रेडिट भाजपा के खाते में जाएगा और भाजपा इसका पूरा सियासी लाभ लेने की कोशिश करेगी।
वह कहते हैं कि अभी राम मंदिर बनाने के लिए ट्रस्ट का निर्माण होने के बाद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पूरे देश से लोगों को जुटाया जाएगा इसके लिए विभिन्य प्रकार के कार्यक्रमों की रुपरेखा तय की जाएगी जिससे कि राम मंदिर का निर्माण एक भव्य आयोजन में तब्दील हो सके।
वेबदुनिया से बातचीत में अयोध्या आंदोलन को सबसे नजदीक से देखने वाले पत्रकार रामदत्त त्रिपाठी कहते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा अभी रहेगा जो 2022 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा इसको अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि के रुप में पेश करेगी।
वह कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के मुकाबले किसी विपक्षी पार्टी का नहीं होना भी भाजपा की राह और आसान कर रहा है। उत्तर प्रदेश में विपक्ष में जो पार्टी है वह आज परिवार की पार्टियां बन गई हैं जिसके कारण कोई भी भाजपा के मुकाबले में खड़ी होती नहीं दिख रही है।