मुंबई। पंजाब नेशनल बैंक से जुड़़े़ 12 हजार 700 करोड़ रुपए के कथित घोटाला मामले में शनिवार को एक विशेष अदालत ने हीरा व्यापारी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए।
धनशोधन रोकथाम कानून के तहत गठित अदालत द्वारा प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर दोनों आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए गए। प्रवर्तन निदेशालय उन एजेंसियों में से एक है जो पिछले महीने सामने आए इस बैंक धोखाधड़ी के मामले की जांच कर रही हैं।
अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा सात देशों मलेशिया, आर्मेनिया, फ्रांस, चीन, जापान, रूस और बेल्जियम के लिए मांगे गए 'लेटर्स ऑफ रोगेटरी' (एलआर) आवेदन को भी स्वीकार कर लिया है। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने दोनों प्रमुख आरोपियों नीरव और चोकसी को तलब किया था।
हालांकि, इन दोनों आरोपियों के बारे में माना जाता है कि आपराधिक मामला दर्ज होने से पहले वे देश छोड़ चुके हैं। ये दोनों प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश नहीं हुए जिसके बाद निदेशालय ने गैर जमानती वारंट हासिल करने के लिए पीएमएलए अदालत का रुख किया।
प्रवर्तन निदेशालय ने 27 फरवरी को अदालत का रुख किया था और नीरव के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का आग्रह किया था। जांच एजेंसी ने अदालत को बताया था कि उसने नीरव को पेशी के लिए तीन बार समन भेजा था।
एजेंसी ने बताया कि उन्हें नीरव मोदी की तरफ से दो सम्मन का जवाब आया। दूसरे सम्मन की प्रतिक्रिया में नीरव मोदी ने कहा था कि वह अपनी कारोबारी प्रतिबद्धताओं की वजह से एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हो सकते हैं। वहीं तीसरे सम्मन में कोरबारी ने अपनी सुरक्षा का मुद्दा उठाया था। (भाषा)