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बुद्ध मुस्कराए और पूरी दुनिया में जम गई भारत की धाक

आज ही के दिन हुआ था पोकरण में परमाणु परीक्षण

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जयपुर , शुक्रवार, 11 मई 2018 (14:20 IST)
जयपुर। राजस्थान की धरती पोकरण में बीस साल पहले शुक्रवार के दिन ही परमाणु विस्फोट कर भारत ने दुनिया में अपनी धाक जमाई थी।
 
प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने आज ही (11 मई) के दिन  परमाणु परीक्षण कर दुनिया को परमाणु क्षमता का अहसास कराया था। इस मिशन की अगुवाई करने वाले पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम थे, जिन्होंने बहुत ही गोपनीयता से इस कार्य को अंजाम दिया। इससे जासूसी करने वाला अमेरिका भी दंग रह गया।
 
इस परमाणु कार्यक्रम को 'स्माइलिंग बुद्धा' नाम दिया गया था तथा एक एक कर पांच विस्फोट किए गए थे। सभी वैज्ञानिक सैनिक वर्दी में थे ताकि किसी को इस अभियान का पता नही चले। इनमें मिसाइलमैन अब्दुल कलाम भी थे। वह पोकरण अकेले ही जाते थे। परमाणु बमों को सेना के चार ट्रकों के जरिए पोकरण भेजा गया, जिन्हें पहले मुंबई से भारतीय वायुसेना के हवाई जहाज से जैसलमेर बेस लाया गया था।
 
वैज्ञानिकों ने इस मिशन को पूरा करने के लिए रेगिस्तान में बड़े कुएं खोदे और इनमें परमाणु बम रखे गए। कुओं पर बालू के पहाड़ बनाए गए जिन पर मोटे-मोटे तार निकले हुए थे। धमाके से आसमान में धुएं का गुबार उठा और विस्फोट की जगह पर एक बड़ा गड्ढा बन गया था। इससे कुछ दूरी पर खड़ा 20 वैज्ञानिकों का समूह पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए था।
 
पोकरण परीक्षण रेंज पर पांच परमाणु बम के परीक्षणों से भारत पहला ऐसा परमाणु शक्ति संपन्न देश बन गया, जिसने परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए थे। परीक्षण के बाद वाजपेयी ने ऐलान किया, 'आज, 15.45 बजे भारत ने पोकरण रेंज में अंडरग्राउंड न्यूक्लियर टेस्ट किया।' वह खुद धमाके वाली जगह पर गए थे।
 
कलाम ने टेस्ट के सफल होने की घोषणा की थी। अमेरिका ने परीक्षण के बाद भारत पर आर्थिक प्रतिबंध भी लगाया था, लेकिन भारत का हर नागरिक गौरवान्वित होकर हर स्थिति का मुकाबला करने के लिए तैयार था तथा जगह जगह से लोगों ने धनराशि एकत्रित कर प्रधानमंत्री कोष में जमा कराई थी। (वार्ता)

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