पटना। सासाराम, नालंदा, पटना शरीफ और मुजफ्फरपुर में हिंसा के बाद बिहार में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। पुलिस ने राज्य में हिंसा के सिलसिले में 106 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस बीच गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यपाल से बात कर कानून व्यवस्था की स्थिति की जानकारी ली। गृहमंत्री ने राज्य में अतिरिक्त अर्धसैनिक बल भेजने का फैसला किया है। राज्य में हिंसा को लेकर राजनीति भी गरमाई हुई है। सासाराम और पटना में कार्यक्रम को रद्द किए जाने को लेकर भाजपा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के बीच आरोप-प्रत्यारोप लगाए गए।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि जब हिंसा की जानकारी नहीं है तो मुख्यमंत्री क्यों बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि बिहार बंगाल के रास्ते पर जा रहा है। इधर राजद ने पलटवार करते हुए कहा कि गृहमंत्री को भाजपा शासित राज्यों में भी कानून व्यवस्था की चिंता करना चाहिए।
इस बीच अमित शाह का सशस्त्र सीमा बल के पटना फ्रंटियर का रविवार को प्रस्तावित दौरा रद्द कर दिया गया है। यहां एक समारोह में शाह SSB के 9 प्रतिष्ठानों को जनता को समर्पित करने और पटना फ्रंटियर के नए भवन के लिए भूमि पूजन करने वाले थे। वे आज नवादा में एक जनसभा को संबोधित करेंगे।
भाजपा के प्रमुख रणनीतिकार माने जाने वाले शाह को रोहतास जिले के सासाराम शहर में आयोजित एक समारोह में भी भाग लेना था, जिसे रामनवमी शोभायात्रा के दौरान गुरुवार शाम से शुरू हुई सांप्रदायिक हिंसा के मद्देनजर स्थगित कर दिया गया। सासाराम में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
इस पर नीतीश कुमार सरकार ने भाजपा नेताओं के उस आरोप को खारिज कर दिया है कि शाह के समारोह में बाधा डालने के इरादे से सासाराम में जानबूझकर धारा 144 लगाई गई।
रोहतास के जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने एक वीडियो बयान जारी कर कहा कि धारा 144 नहीं लगाई गई थी। ऐसा कोई आदेश मेरे द्वारा या संबंधित अनुविभागीय मजिस्ट्रेट द्वारा पारित नहीं किया गया था। सासाराम में शुक्रवार शाम तक व्यवस्था पूरी तरह बहाल हो गई। हमने एक दिन के लिए इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने जैसे प्रतिबंधों का सहारा लिया।
बहरहाल, प्रदेश भाजपा ने सोशल मीडिया पर वीडियो क्लिप साझा की, जिसमें पुलिसकर्मियों को आम लोगों को घर के अंदर रहने की सलाह देते हुए देखा जा सकता है, इस घोषणा के साथ कि धारा 144 लागू कर दी गई है। इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि हमने ऐसे पुलिसकर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
इससे पूर्व शनिवार को पटना में सासाराम और बिहारशरीफ की घटना से संबंधित पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जो घटना घटी है वो बहुत ही दुःख की बात है और जरूर किसी ने इसमें गड़बड़ की है। हमने अधिकारियों को कहा है कि पता करें कि किसने गड़बड़ी की है? जैसे ही इसके बारे में पता चला तत्काल स्थिति को काबू किया गया।
कुमार ने कहा कि हमने अधिकारियों से कहा है कि गड़बड़ी करने वालों का पता लगाएं और उन पर कड़ी कार्रवाई करें। कोई जानबूझकर इस तरह का काम कर रहा है। सरकार पूरे तौर पर एक-एक चीज के लिए सतर्क।
इस बीच, प्रदेश भाजपा प्रमुख सम्राट चौधरी और विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा सहित करीब 30 वरिष्ठ नेताओं द्वारा हस्ताक्षरित एक ज्ञापन राजभवन जाकर राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर को सौंपा गया। इसमें शाह के कार्यक्रम को रद्द होने के लिए प्रशासन की विफलता को जिम्मेदार ठहराया गया है।
जद (यू) के प्रवक्ता हिमराज राम ने एक बयान में दावा किया कि शाह का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है क्योंकि भाजपा सासाराम में भीड़ जुटाने में सक्षम नहीं थी।