पटना। बिहार की राजधानी पटना स्थित फुलवारी इलाके में आतंकवाद के एक बड़े मॉड्यूल का खुलासा हुआ। पुलिस ने दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, जिनका निशाना प्रधानमंत्री मोदी का बिहार दौरा था। अपने प्लान को अंजाम देने के लिए ये दोनों आरोपी 12 जुलाई को पटना पहुंचे थे, जहां 15 दिन पहले इनकी ट्रेनिंग शुरू हुई थी। पुलिस ने इसी ट्रेनिंग कैंप पर छापा मारकर संदिग्धों को पकड़ा।
पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। हैरानी की बात तो ये है कि इनमे से एक झारखंड पुलिस का रिटायर्ड दरोगा है, जिसका नाम जलालुदीन बताया जा रहा है। ये पहले स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से जुड़ा था। दूसरे संदिग्ध का नाम अतहर परवेज है। ये वही अतहर परवेज है जिसके सगे भाई मंजर परवेज ने 2001-02 में पटना के गांधी मैदान में हुए बम धमाके को अंजाम दिया था।
पुलिस के अनुसार इन दोनों संदिग्धों का संबंध विवादित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) से है। इन दोनों के पास से पुलिस को PFI का झंडा और अन्य संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं, जिनमें भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने की बात कही गई है।
पुलिस ने अपने बयान में कहा कि जलालुद्दीन और अतहर पिछले कई दिनों से पटना के एक इलाके में आतंकी गतिविधियों का प्रचार-प्रसार करते थे। पुलिस ने कहा कि परवेज ने मार्शल आर्ट और शारीरिक शिक्षा की ट्रेनिंग देने के नाम पर 16 हजार रुपए में मोहम्मद जलालुदीन का फ्लैट किराए पर लिया था, जहां से वो इन सभी देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देता था।
कहा जा रहा है कि इस फ्लैट में ये दोनों आरोपी मुस्लिम नौजवानों को हिंदुओं के खिलाफ भड़काने का काम करते थे और उन्हें हथियारों के उपयोग की ट्रेनिंग भी दिया करते थे। ये दोनों PFI और SDPI के सक्रीय सदस्यों के साथ कई बार बैठकें कर चुके हैं। पुलिस के अनुसार इन दोनों ने NGO का हवाला देते हुए कई नौजवानों को बुलाया और मार्शल आर्ट की शिक्षा देने के बहाने उन्हें धार्मिक उन्माद फैलाने के लिए भड़काया। खुफिया एजेंसी आईबी ने पुलिस को खबर दी कि पटना के इस इलाके में आतंकी मॉड्यूल चलाया जा रहा है। इसके बाद पुलिस ने इन ठिकानों पर छापेमारी करते हुए संदिग्धों को गिरफ्तार किया।
पुलिस ने बताया कि इन दोनों संदिग्धों को पाकिस्तान, बांग्लदेश और तुर्की जैसे इस्लामिक देशों से आतंकवादी मुहीम चलाने के लिए फंडिंग भिजवाई जाती थी। इनके ट्रेनिंग कैंप में पश्चिम बंगाल, यूपी, केरल और तमिलनाडु आदि राज्यों से नौजवान आया करते थे। पुलिस ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय भी इस मामले की जांच कर रहा है।