Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

प्रदूषण का कहर, दिल्ली में कैसे मनाएं दिवाली?

हमें फॉलो करें delhi diwali
, शनिवार, 11 नवंबर 2023 (14:46 IST)
Delhi Pollution News : दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने दिवाली पर्व राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के मद्देनजर बाहर सैर से बचने से लेकर पटाखे न जलाने तक कई कदम उठाने की लोगों को सलाह दी है।
 
प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों में शनिवार को प्रकाशित परामर्श में यह भी रेखांकित किया गया है कि गर्भवती महिलाओं, मरीजों, बच्चों और बुजुर्गों को अधिक सावधानी बरतनी चाहिए और वायु प्रदूषण के दौरान बाहर निकलने से बचना चाहिए।
 
बहरहाल, राष्ट्रीय राजधानी में दो सप्ताह से खतरनाक प्रदूषण स्तर से परेशान लोगों को गुरुवार रात और शुक्रवार को रुक-रुक कर हुई बारिश के कारण राहत मिली। इसके बाद दिल्ली सरकार ने बारिश के कारण हवा के अपेक्षाकृत साफ होने के मद्देनजर सम-विषम कार योजना का क्रियान्वयन स्थगित कर दिया।
 
राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार सुबह सात बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 219 दर्ज किया गया, जो गुरुवार के पिछले 24 घंटे के औसत एक्यूआई 437 से काफी बेहतर है। शहर में 28 अक्टूबर के बाद से वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में थी।
 
एक्यूआई दीपावली के आसपास और उसके तुरंत बाद आमतौर पर खराब हो जाता है, इसलिए दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवा निदेशालय ने सार्वजनिक स्वास्थ्य सलाह जारी कर लोगों से पटाखे न जलाने को कहा है।
 
परामर्श में कहा गया है कि अत्यधिक वायु प्रदूषण वाले स्थानों जैसे धीमी और भारी यातायात वाली सड़कों, प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों के पास के क्षेत्रों, निर्माण/विध्वंस स्थलों आदि से बचें। विशेष रूप से गंभीर एक्यूआई में सुबह और देर शाम की सैर करने, दौड़ लगाने, शारीरिक व्यायाम करने से बचें।
 
इसमें लोगों से धूम्रपान न करने, बंद परिसरों में मच्छर भगाने वाली कॉइल या अगरबत्ती न जलाने के लिए कहा गया है। इसके अलावा लकड़ियां, पत्ते और फसलों के अवशेष जलाने से बचने की भी सलाह दी गई है।
 
परामर्श में लोगों को अपनी आंखों को ताजा पानी से धोने, गुनगुने पानी से नियमित रूप से गरारे करने और फलों एवं सब्जियों सहित स्वस्थ एवं संतुलित आहार लेने के लिए भी कहा गया है।
 
सलाह में कहा गया है, 'सांस फूलने, चक्कर आने, खांसी, सीने में असहजता या दर्द होने, आंखों में जलन (लाल या पानी) होने पर डॉक्टर से सलाह लें। सार्वजनिक परिवहन या कार पूल का उपयोग करें, घरों और कार्यस्थलों के अंदर झाड़ू लगाने के बजाय गीला पोछा लगाएं।'
 
एक्यूआई शून्य से 50 के बीच 'अच्छा', 51 से 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 से 450 के बीच 'गंभीर' माना जाता है। एक्यूआई के 450 से ऊपर हो जाने पर इसे 'अति गंभीर' श्रेणी में माना जाता है।
 


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

ब्रह्मा कुमारी आश्रम में 2 सगी बहनों ने लगाई फांसी, 4 कर्मचारियों पर उत्पीड़न का आरोप