सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि हमले के तुरंत बाद सेना और पुलिस को इलाके में भेज दिया गया और आतंकवादियों का पता लगाने और उन्हें मार गिराने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी और घेराबंदी अभियान शुरू किया गया है। आतंकवादियों का सफाया करने के लिए शाहसितार, गुरसाई, सनाई और शीनदारा टॉप समेत कई इलाकों में सेना व पुलिस का संयुक्त अभियान जारी है। जंगलों में आतंकियों की तलाश जारी है।
आतंकी हमला शनिवार शाम करीब सवा छह बजे हुआ जब जवान जारनवाली से वायुसेना के अड्डे पर लौट रहे थे। अधिकारियों को आतंकवादियों के उसी समूह की संलिप्तता का संदेह है, जिसने पिछले साल 21 दिसंबर को पास के बुफलियाज में सैनिकों पर घात लगाकर हमला किया था जिसमें 4 सैनिक शहीद हो गए थे और 3 अन्य घायल हो गए थे।
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भारतीय वायुसेना के काफिले में शामिल ट्रकों में से एक को हमले का सबसे अधिक खामियाजा भुगतना पड़ा और कई गोलियां उसकी विंडस्क्रीन और बगल में लगीं। माना जा रहा है कि एके असॉल्ट राइफलों से लैस आतंकवादी पास के जंगलों में भाग गए हैं।
गौरतलब है कि राजौरी के साथ ही सीमावर्ती पुंछ जिले में पिछले 2 वर्षों में कई आतंकवादी हमले हुए हैं। यह इस क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों की वापसी का संकेत हैं। जबकि 2003 से 2021 के बीच यहां शांति थी।
Edited by : Nrapendra Gupta