नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारतीय रेलवे की तरह ही देश का डाक नेटवर्क भी भारत की अर्थव्यवस्था की संचालक शक्ति बन सकता है। उन्होंने कहा कि देशभर में फैली इसकी विशाल परिसंपत्ति का जनता के लाभ के लिए उपयोग किए जाने की संभावनाएं तलाशी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अध्यापक के साथ डाकिया सरकार के सबसे सम्मानित कर्मचारी होते हैं। डाक नेटवर्क के लाभ उठाने की संभावनाओं को तलाशने के लिए गठित कार्यबल की रिपोर्ट पर विचार किए जाने के समय उन्होंने यह बात कही।
इस पर प्रारंभिक चर्चा के बाद प्रधानमंत्री ने हिदायत दी कि कार्यबल की सिफारिशों का जल्द से जल्द विस्तृत अध्ययन किया जाए जिससे कि इस संबंध में आवश्यक कदम उठाए जा सकें।
इस अवसर पर संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद भी उपस्थित थे। कार्यबल के अध्यक्ष टीएसआर सुब्रमण्यम ने रिपोर्ट पेश की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डाक विभाग की पूरे भारत में विशाल परिसंपत्तियां हैं और जनता के लाभ के लिए इनके उचित इस्तेमाल की संभावनाओं को तलाशना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के डाकखानों को घर-घर लोगों को सेवाएं उपलब्ध कराने तथा सरकार की महत्वपूर्ण सूचनाएं मुहैया कराने के लिए इस्तेमाल होना चाहिए। (भाषा)