प्रयागराज। प्रयागराज की MP-MLA स्पेशल कोर्ट 16 साल पुराने उमेश पाल अपहरण केस में आज सुबह 11 बजे फैसला सुनाएगी। इसी मुकदमे की पैरवी से लौटते समय 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी। इस हमले में 2 सरकारी गनर राघवेंद्र सिंह और संदीप निषाद भी मारे गए थे।
अदालत ने 11 मार्च को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट के फैसले से पहले बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद को साबरमती जेल और उसके भाई पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया है। यहां की नैनी जेल में अतीक की रात कटी।
सोमवार शाम नैनी सेंट्रल जेल की अस्थायी जेल बैरक में पहुंचने के बाद अतीक अहमद ने बंदी रक्षकों से दूध और खाने की मांग की। इस पर जेल प्रशासन की ओर से उसे खाने में दाल, चावल, रोटी और सब्जी दी गई। दूध के साथ ब्रेड व दवा खाने के लिए गर्म पानी भी अतीक को उपलब्ध कराया गया।
अतीक के भाई अशरफ रोजा रखा था। जेल पहुंचकर उसने अपना रोजा खोला। जेल प्रशासन द्वारा उसे खाने के साथ रोजा रहने वाले बंदियों की तरह दूध, खजूर, केला, ब्रेड दी गई।
उल्लेखनीय है कि 25 जनवरी 2005 को तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी। राजू पाल के साथ ही देवी लाल पाल और संदीप यादव भी मारे गए थे. इस हत्याकांड में उमेश पाल मुख्य गवाह थे।
अतीक अहमद ने राजू पाल हत्याकांड में गवाही न देने के लिए 3 दिन तक उमेश पाल को प्रताड़ित किया गया और 1 मार्च 2006 को अपने पक्ष में कोर्ट में गवाही दिलाई गई।
जुलाई 2007 में बसपा राज में उमेश पाल ने धूमनगंज थाने में अपने अपहरण का मामला दर्ज कराया। इसमें अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, दिनेश पासी, अंसार अहमद, खान सौलत हनीफ, जावेद, फरहान, इसरार आदि को आरोपी बनाया था।