नई दिल्ली। देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए सोमवार को होने वाले चुनाव की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं जिसमें राजग के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद और विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार के बीच सीधा मुकाबला है।
राष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचक मंडल में विभिन्न दलों की स्थिति देखी जाए तो विपक्ष की 'मीरा' पर राजग प्रत्याशी 'राम'(नाथ) का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। कोविंद को सत्तारूढ़ राजग के साथ-साथ जदयू, बीजद, अन्नाद्रमुक, टीआरएस सहित कई छोटे दलों का भी समर्थन मिलता दिख रहा है, जबकि मीरा कुमार को कांग्रेस के अलावा 16 अन्य दलों का समर्थन मिला है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने अप्रत्याशित फैसले में दलित समुदाय के नेता और बिहार के पूर्व राज्यपाल कोविंद के नाम की घोषणा की तो विपक्ष ने भी इसी समुदाय का उम्मीदवार उतारने का फैसला किया और श्रीमती कुमार के नाम पर सहमति बनी।
कोविंद को उम्मीदवार बनाकर मोदी ने विपक्ष में भी दरार पैदा कर दी। बिहार में महागठबंधन की सरकार का नेतृत्व कर रहे जनता दल यू ने कोविंद को समर्थन देने का फैसला किया।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए संसद भवन के अलावा सभी राज्यों के विधानमंडलों में मतदान सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक होगा। संसद के कक्ष संख्या 62 में मतदान होगा। राज्यों में भी चुनाव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। सांसदों के मतपत्र हरे रंग और विधायकों और विधान पार्षदों के मतपत्र गुलाबी रंग के हैं। मतों की गिनती 20 जुलाई को पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होगी।
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति 25 जुलाई को अपना पद भार संभालेंगे।
राष्ट्रपति का चुनाव 'इलेक्टोरल कॉलेज' द्वारा किया जाता है, जिसमें देश के सांसद एवं विधायक मतदान करते हैं। राष्ट्रपति चुनाव में कुल वोट के 48 फीसदी वोट राजग के पास हैं। इनमें से 40 फीसदी वोट केवल भाजपा का है। दूसरी तरफ अन्नाद्रमुक के पांच फीसदी, बीजद के तीन प्रतिशत, टीआरएस के दो फीसदी, जद यू के दो फीसदी से कम और वाईएसआर कांग्रेस और इंडियन नेशनल लोकदल दोनों के मिलाकर दो फ़ीसदी वोट हैं। इन सभी के मिलाकर 14 फीसदी वोट हैं।
इन पार्टियों ने भी राजग प्रत्याशी को समर्थन देने का फ़ैसला किया है। ऐसे में कोविंद के पक्ष में 62 फ़ीसदी से अधिक वोट हैं, जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगियों के पास महज 34 फ़ीसदी वोट हैं।
राष्ट्रपति चुनाव में कुल वोट 10,98,903 हैं। इन वोटों में 5,49,408 सांसदों के और 5,49,495 विधायकों के वोट हैं। राष्ट्रपति चुने जाने के लिए किसी भी उम्मीदवार को आधे से एक वोट अधिक होना चाहिए।
आंकड़े बताते हैं कि भाजपा के पास 4,42,117, कांग्रेस के पास 1,61,478, तृणमूल कांग्रेस 63,847, तेलुगुदेशम पार्टी के 31,116, शिवसेना के 25, 893, समाजवादी पार्टी के 26,060, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के 27,069 मत, बहुजन समाज पार्टी के 8,200, जद यू के 20,935 और राष्ट्रीय जनता दल के 18,796 मत हैं।
द्रविड़ मुनेत्र कषगम के पास 18 हजार 352 मत, जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पास 15 हजार 857 मत हैं। (वार्ता)