नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को 67वें गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंगा फहराया और 21 तोपों की सलामी ली। इस दौरान हजारों की संख्या में मौजूद दर्शकों के अलावा फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद मुख्य अतिथि के रूप में इस समारोह में मौजूद थे।
मुखर्जी के साथ ओलांद राजपथ पर पहुंचे जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दोनों नेताओं का स्वागत किया। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऐतिहासिक इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
मोदी ने राष्ट्रपति से पहले उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी तथा उनकी पत्नी सलमा अंसारी का स्वागत किया। रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर और तीनों सेना प्रमुखों के अलावा अन्य गणमान्य अतिथियों से ओलांद का परिचय कराया गया।
राष्ट्रपति की ओर से शहीदों की विधवाओं को परमवीर चक्र से सम्मानित करने के बाद पारंपरिक परेड शुरू की गई। उसके बाद देश की विराट सैन्यशक्ति और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक के साथ-साथ पहली बार विदेशी सेना फ्रांस का मार्चिंग दस्ता भी भारतीय सैनिकों के साथ कदमताल करता नजर आया।
फ्रांस के राष्ट्राध्यक्ष इससे पहले भी चार बार गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में इस समारोह की शोभा बढ़ा चुके हैं। पिछले साल अमेरिका के प्रधानमंत्री बराक ओबामा गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि थे।
खुफिया एजेंसियों की ओर से आतंकवादी हमलों के अलर्ट के मद्देनजर राजधानी दिल्ली में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। परेड स्थल और उसके आसपास के क्षेत्रों को अभेद्य किले में तब्दील किया गया है। (वार्ता)