नई दिल्ली। भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि अनुच्छेद 370 के हटने से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को फायदा होगा। नागरिकों को अब सुविधाएं मिलेंगी और उनके जीवन में बदलाव आएगा।
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि जिस महान पीढ़ी के लोगों ने हमें आजादी दिलाई, उनके लिए स्वतंत्रता केवल सत्ता हासिल करने तक सीमित नहीं थी, बल्कि उनका उद्देश्य लोगों के जीवन और समाज की व्यवस्था को बेहतर बनाना भी था। उन्हें विश्वास है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए हाल ही में किए गए बदलावों से वहां के निवासी बहुत अधिक लाभान्वित होंगे।
सुविधाओं का मिलेगा लाभ : उन्होंने कहा कि वहां के निवासी अब उन सभी अधिकारों और सुविधाओं का लाभ उठा पाएंगे, जो देश के दूसरे क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को मिलती हैं। वे भी अब समानता को बढ़ावा देने वाले प्रगतिशील क़ानूनों और प्रावधानों का उपयोग कर सकेंगे।
शिक्षा और सूचना का अधिकार : ‘शिक्षा का अधिकार’ कानून लागू होने से सभी बच्चों के लिए शिक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी। ‘सूचना का अधिकार’ मिल जाने से, अब वहां के लोग जनहित से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। पारंपरिक रूप से वंचित रहे वर्गों के लोगों को शिक्षा व नौकरी में आरक्षण तथा अन्य सुविधाएं मिल सकेंगी।
बेटियों को मिलेगा न्याय : उन्होंने कहा कि ‘तीन तलाक’ जैसे अभिशाप के समाप्त हो जाने से हमारी बेटियों को भी न्याय मिलेगा तथा उन्हें भयमुक्त जीवन जीने का अवसर मिलेगा। सदन में कई और भी महत्वपूर्ण विधेयक पास किए गए।
सभी देशवासियों का एक ही लक्ष्य : राष्ट्रपति ने कहा कि गांधीजी आज भी हमारे मार्गदर्शक हैं। उन्होंने देश की मौजूदा स्थिति को पहले ही भांप लिया था। गांधीजी की सोच से ही देश आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के लोगों की रुचि और आदतें भले ही अलग-अलग हों, लेकिन सबके सपने एक हैं। 1947 से पहले आजादी लक्ष्य था, लेकिन अब सबका लक्ष्य देश के विकास की गति को तेज करना है। आजादी का मतलब ही समाज को बेहतर बनाना है।
उन्होंने कहा कि वोट और जनप्रतिनिधियों के बीच आदर्श साझेदारी जरूरी है। जनादेश से लोगों की आकांक्षाएं दिख रही हैं और सरकार बुनियादी ढांचा मजबूत कर रही है।