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संसद में अटके विधेयकों से राष्ट्रपति चिंतित

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर प्रणब मुखर्जी का राष्ट्र के नाम संदेश

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, सोमवार, 25 जनवरी 2016 (19:10 IST)
नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने राष्ट्र के नाम संदेश में कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों के पारित नहीं होने से चिंता जाहिर की। उन्होंने को कहा कि विकास को गति देने के लिए सुधारों और प्रगतिशील कानूनों की जरूरत है, जिनके अभाव में  विकास प्रक्रिया पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।
  
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में वर्ष 2015 को चुनौतिपूर्ण बताते हुए कहा कि बीते साल पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में रही और बाजारों पर असमंजस के बादल छाये रहे। ऐसे कठिन माहौल में किसी भी राष्ट्र के लिए तरक्की करना सरल नहीं होता, लेकिन चालू वित्त वर्ष में 7.3 प्रतिशत की अनुमानित विकास दर के साथ भारत तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था बनने के मुकाम पर है। मंदी के दौरान भी भारत विज्ञान, प्रौद्योगिकी, नवोन्मेषण और स्टार्टअप के क्षेत्र में तेजी से उभर रहा है, जिसकी आर्थिक सफलता विश्व के लिए एक कौतूहल है।

मुखर्जी ने कहा कि विकास को गति देने के लिए सुधारों और प्रगतिशील कानूनों की जरूरत है तथा यह सुनिश्चित करना विधि निर्माताओं (सांसदों) का परम कर्तव्य है कि पूरे विचार-विमर्श और परिचर्चा के बाद ऐसे कानून लागू किए जाएं। निर्णय लेने का तरीका सामंजस्य, सहयोग और सर्वसम्मति बनाने की भावना होना चाहिए। निर्णय के कार्यान्वयन में देरी होने से विकास को नुकसान होगा।
 
भारतीय अर्थव्यवस्था के भी कठिनाइयों का सामना करने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अनिश्चितता की वजह से निवेशकों ने भारत समेत उभरते बाजारों से निकासी की जिससे रुपए पर दबाव बना है। निर्यात प्रभावित होने के साथ ही विनिर्माण गतिविधियाँ अभी भी पूरी तरह से पटरी पर नहीं लौटी हैं। 
 
मुखर्जी ने कहा कि वर्ष 2015 में देश के अधिकतर हिस्से सूखे या बाढ़ की चपेट में रहे। असामान्य मौसम से कृषि उत्पादन भी प्रभावित हुआ और इसका ग्रामीण रोजगार एवं आय पर भी विपरीत असर हुआ। उन्होंने इन्हें चुनौतियां बताते हुए कहा कि हम इससे अवगत हैं। समस्या की पहचान करना और उसके समाधान पर ध्यान देना श्रेष्ठ गुण है तथा भारत इन समस्याओं के हल के लिए कार्यनीतियां कार्यान्वित कर रहा है।
 
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी जैसे कार्यक्रमों पर व्यय बढ़ाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाकर रोजगार में वृद्धि करने के उपाय किए गए हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि कच्चे तेल की कीमत में गिरावट से राजकोषीय लक्ष्यों को हासिल करने और घरेलू स्तर पर कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिली है। बीच-बीच में शिथिलता के बावजूद इस वर्ष उद्योगों का प्रदर्शन बेहतर रहा है।
 
देश में सरल कारोबारी माहौल प्रदान कर और घरेलू उद्योग की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाकर विनिर्माण को गति दिए जाने की आवश्यकता बताते हुए उन्होंने कहा कि स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम नवान्वेषण को बढ़ावा देगा और नए युग की उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करेगा।
 
राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन के तहत 2022 तक 30 करोड़ युवाओं को कुशल बनाने की योजना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि विशिष्ट पहचान संख्या ‘आधार’ की पहुंच 96 करोड़ देशवासियों तक हो चुकी है और इससे आर्थिक रिसाव को नियंत्रित करने और पारदर्शिता के साथ सरकारी लाभों को सीधे लाभार्थियों के खाते में हस्तांतरित करने में मदद मिली है। 
 
मुखर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत 19 करोड़ बैंक खाते खोले गए जो पूरी दुनिया में वित्तीय समावेशन की सबसे बड़ी योजना है। उन्होंने कहा कि सांसद आदर्श ग्राम योजना का लक्ष्य आदर्श गांव का निर्माण करना है, वहीं डिजिटल इंडिया कार्यक्रम डिजिटल अंतर को पाटने का प्रयास है। 

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