नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार मीरा कुमार को समर्थन दिए जाने की घोषणा के बावजूद पार्टी के दो विधायकों ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रत्याशी रामनाथ कोविंद के पक्ष में मतदान किया।
देश के 14वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए गुरुवार को आए नतीजों के विवरण के अनुसार, दिल्ली में 67 विधायकों ने अपने वोट डाले। दिल्ली विधानसभा में कुल 70 सीटें हैं। बवाना की सीट रिक्त है जबकि विजवासन से विधायक कर्नल देवेन्द्र सहरावत और ग्रेटर कैलाश से सौरभ भारद्वाज ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया था।
मतदान में जिन 67 विधायकों ने हिस्सा लिया उसमें से आप पार्टी के 55 विधायकों ने श्रीमती कुमार को वोट दिया। भारतीय जनता पार्टी के चार विधायक हैं जबकि कोविंद के पक्ष में छह विधायकों ने मत दिया। पार्टी के कुमार को समर्थन के बावजूद कम से कम दो विधायकों ने पार्टी लाइन से हटकर कोविंद को समर्थन किया। छह वोट रद्द हुए।
दिल्ली में एक वोट की वैल्यू 58 है। इस प्रकार 70 मतों की कुल वैल्यू 4160 हुई। एक सीट रिक्त होने और दो विधायकों के मतदान नहीं करने से कुल 3886 वैल्यू के वोट डाले गए। इनमें से श्रीमती कुमार को 55 विधायकों का समर्थन अर्थात 3190 वोट मिले। कोविंद को 348 वोट मिले जबकि इतनी ही कीमत के वोट रद्द हो गए।
आप पार्टी के बीच चल रही उठापटक से और कई विधायकों के पार्टी से निलंबित होने से इस बात की आशंका थी कि विधायक पार्टी लाइन से हटकर कोविंद को वोट कर सकते हैं। पूर्व मंत्री और निलंबित विधायक कपिल मिश्रा ने वोट डालने के बाद तो साफ तौर पर कहा था कि उनका वोट उसे गया है जो राष्ट्रपति बनने जा रहा है।
श्रीमती कुमार को समर्थन के बावजूद केजरीवाल ने भी पार्टी में क्रास वोटिंग की आशंका और फजीहत से बचने के लिए 17 जुलाई को मतदान के दिन कहा था कि विधायकों को अपने विवेक के अनुसार वोट करना चाहिए। (वार्ता)