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वाराणसी में प्रधानमंत्री मोदी का विपक्षी दलों पर कटाक्ष, बोले- सत्ता के लालायित लोग परिवार को बढ़ावा देते हैं

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

वाराणसी , शुक्रवार, 11 अप्रैल 2025 (23:15 IST)
Prime Minister Narendra Modi News : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि सत्ता के लिए लालायित लोग केवल अपने परिवार को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करते हैं जबकि उनकी सरकार समावेशी विकास के विषय पर काम करती है। अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 3,880 करोड़ रुपए की लागत की 44 परियोजनाओं की आधारशिला रखने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि कि राष्ट्र की सेवा में हमारा मार्गदर्शक मंत्र हमेशा 'सबका साथ, सबका विकास' रहा है। इसी भावना के साथ हम हर नागरिक के कल्याण के लिए आगे बढ़ते रहेंगे।
 
उन्होंने कहा कि इसके विपरीत, जो लोग सत्ता के भूखे हैं, वे दिन-रात राजनीतिक खेल खेलते हैं और वे लोग परिवार-केंद्रित विकास पर ही ध्यान केंद्रित करते हैं। प्रधानमंत्री ने अपने संसदीय क्षेत्र में कहा कि  सत्ता पाने के लिए खेल खेलने वाले लोग केवल अपने परिवार की उन्नति में रुचि रखते हैं। उनका सिद्धांत 'परिवार का साथ, परिवार का विकास' है। भाजपा महानगर अध्यक्ष प्रदीप अग्रहरि ने बताया कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी का यह 50 वां काशी दौरा है।
 
मोदी ने भोजपुरी में लोगों का अभिवादन करके अपने भाषण की शुरुआत की और दलित सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी तथा सामाजिक समानता और महिला सशक्तिकरण में उनके योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि  आज सामाजिक चेतना के प्रतीक महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती भी है। महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुलेजी ने जीवनभर नारीशक्ति के हित, उनके आत्मविश्वास और समाज कल्याण के लिए काम किया।
मोदी ने कहा कि आज हम उनके विचारों को नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने दोहराया कि उनकी सरकार सर्वांगीण विकास पर ध्यान केन्द्रित करती है। उन्होंने कहा कि  महात्मा ज्योतिबा फुले जी जैसे त्यागी, तपस्वी, महापुरुषों की प्रेरणा से ही देशसेवा का हमारा मंत्र 'सबका साथ-सबका विकास' है। हम देश के लिए उस विचार को लेकर चलते हैं जिसका समर्पित भाव है, सबका साथ-सबका विकास।
 
अपने निर्वाचन क्षेत्र में हुए विकास के बारे विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि पहले पूर्वांचल में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव था, लेकिन आज काशी स्वास्थ्य की राजधानी बन रही है। उन्होंने कहा कि  10-11 साल पहले, पूरे पूर्वांचल में इलाज को लेकर जो परेशानियां थीं, वे भी हम सब जानते हैं। आज स्थितियां बिल्कुल अलग हैं। मेरी काशी अब आरोग्य की राजधानी भी बन रही है।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली-मुंबई के बड़े-बड़े अस्पताल आज आपके घर के पास आ गए हैं। यही तो विकास है, जहां सुविधाएं लोगों के पास आती हैं। उन्होंने कहा कि बीते 10 वर्षों में हमने सिर्फ अस्पतालों की गिनती नहीं बढ़ाई बल्कि हमने मरीज की गरिमा भी सुनिश्चित की है। उन्होंने सभा में मौजूद जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि  जब आपने हमें तीसरी बार आशीर्वाद दिया, तब हमने भी सेवक के रूप में स्नेह स्वरूप अपने कर्तव्य को निभाया है। मेरी गारंटी थी कि बुजुर्गों का इलाज मुफ्त होगा। इसी का परिणाम है आयुष्मान वय वंदना योजना। यह योजना बुजुर्गों के इलाज और उनके सम्मान के लिए है।
मोदी ने कहा कि वाराणसी में करीब 50 हजार वय वंदना कार्ड यहां के बुजुर्गों तक पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि यह कोई आंकड़ा नहीं है, यह तो एक सेवक का नम्र प्रयास है। मोदी ने कहा कि अब इलाज के लिए जमीन बेचने की जरूरत नहीं, अब इलाज के लिए कर्ज लेने की मजबूरी नहीं, अब इलाज के लिए दर-दर भटकने की बेबसी नहीं। उन्होंने कहा कि आयुष्मान कार्ड से आपके इलाज का पैसा अब सरकार देगी। पिछले एक दशक में स्वास्थ्य सेवा में की गई महत्वपूर्ण प्रगति पर बल देते हुए उन्‍होंने कहा कि इससे न केवल अस्पतालों की संख्या में वृद्धि हुई है, बल्कि रोगियों का उपचार भी बेहतर तरीके से किया जा रहा है।
मोदी ने आयुष्मान भारत योजना को गरीबों के लिए वरदान बताया, जो न केवल उपचार प्रदान करती है, बल्कि आत्मविश्वास भी जगाती है। उन्होंने कहा कि वाराणसी में हजारों और पूरे उत्तरप्रदेश में लाखों लोगों को इस योजना से लाभ हुआ है और हर उपचार, ऑपरेशन तथा राहत उनके जीवन में एक नई शुरुआत का प्रतीक है।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि  आयुष्मान भारत योजना ने उत्तरप्रदेश के लाखों परिवारों के करोड़ों रुपए बचाए हैं, क्योंकि सरकार ने उनके स्वास्थ्य सेवा की जिम्मेदारी ली है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए निशुल्‍क इलाज के अपने वादे के साथ आयुष्मान वय वंदना योजना की शुरुआत को लेकर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह पहल 70 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक वरिष्ठ नागरिक के लिए निशुल्‍क उपचार सुनिश्चित करती है।
विकास में क्षेत्र के योगदान पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि  आज काशी पूर्वांचल के विकास का रथ खींच रही है। उन्होंने कहा कि कि आज भारत विकास और विरासत दोनों को साथ लेकर आगे बढ़ रहा है और काशी इसका बेहतरीन मॉडल बन रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कि भारत की आत्मा इसकी विविधता में बसती है और काशी इसकी सबसे खूबसूरत तस्वीर है। यहां गंगा का प्रवाह है और भारत की चेतना का भी प्रवाह है।
 
मोदी ने कहा कि काशी के हर मोहल्ले में एक अलग संस्कृति है, हर गली में भारत का एक अलग रंग दिखता है और मुझे खुशी है कि काशी-तमिल संगमम् जैसे आयोजन से एकता के ये सूत्र निरंतर मजबूत हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज काशी होकर जो भी जाता है, वह यहां की अवसंरचना की, यहां की सुविधाओं की बहुत प्रशंसा करता है। उन्होंने कहा कि हर दिन लाखों लोग बनारस आते हैं, बाबा विश्वनाथ के दर्शन करते हैं, मां गंगा में स्नान करते हैं और हर यात्री कहता है कि बनारस, बहुत बदल गया है।
 
हनुमान जन्मोत्सव की पूर्व संध्या पर मोदी बोले : हनुमान जन्मोत्सव की पूर्व संध्या पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने सांस्कृतिक गौरव, बुनियादी ढांचे के विकास और क्षेत्रीय आकांक्षाओं का जिक्र किया। पिछले एक दशक में शहर की परिवर्तनकारी यात्रा पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि  पिछले 10 वर्षों में बनारस के विकास को नई गति मिली है। काशी ने हमेशा अपनी विरासत को संभाले रखा है और भविष्य को उज्ज्वल बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। आज काशी सिर्फ प्राचीन नहीं है, मेरी काशी प्रगतिशील भी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आगामी महीनों में कई अन्य परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी जिससे वाराणसी में आवागमन और भी सुविधाजनक हो जाएगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस प्रगति से क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। क्षेत्र में बेहतर यातायात संपर्क को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इन चौड़ी सड़कों के साथ गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर और आजमगढ़ जैसे शहरों में यात्रा तेज और सुविधाजनक हो गई है।
 
मोदी ने कहा कि  कभी यातायात जाम से त्रस्त रहने वाले क्षेत्र अब विकास की गति देख रहे हैं। उन्होंने वाराणसी और आसपास के क्षेत्रों में संपर्क बढ़ाने के लिए पिछले 1 दशक में हुए लगभग 45,000 करोड़ रुपए के निवेश का भी उल्‍लेख किया। उन्होंने कहा कि इस निवेश ने न केवल बुनियादी ढांचे को, बल्कि विश्वास को भी बदल दिया है जिससे काशी और पड़ोसी जिलों को लाभ हुआ है। उन्होंने हजारों करोड़ रुपए की परियोजनाओं की आधारशिला रखने सहित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विस्तार की घोषणा की।
 
प्रधानमंत्री ने लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डे के जारी विस्तार और संपर्क में सुधार के लिए हवाई अड्डे के पास छह लेन की भूमिगत सुरंग के निर्माण पर भी चर्चा की। उन्होंने भदोही, गाजीपुर और जौनपुर को जोड़ने वाली परियोजनाओं की शुरुआत के साथ-साथ भिखारीपुर और मंडुआडीह में पुल के लंबे समय से प्रतीक्षित निर्माण का उल्लेख किया।
उन्होंने इन मांगों के पूरा होने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने बनारस शहर और सारनाथ को जोड़ने वाले एक नए पुल के निर्माण की भी घोषणा की जिससे अन्य जिलों से सारनाथ जाने वाले यात्रियों को शहर से होकर गुजरने की आवश्यकता नहीं होगी। आर्थिक मोर्चे पर प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तरप्रदेश के बदलते रुख को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश अब सिर्फ संभावनाओं की भूमि नहीं है, बल्कि अब यह सक्षम और संकल्प की भूमि है।
 
उन्होंने कहा कि 'मेड इन इंडिया' उत्पादों को वैश्विक मान्यता मिल रही है। उन्होंने कहा कि आज यहां कई उत्पादों को जीआई टैग दिया गया है। उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश पूरे देश में जीआई टैगिंग में नंबर वन है। इसका मतलब है कि हमारी संस्कृति, हमारी चीजें, हमारे हुनर को तेजी से अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल रही है।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि वाराणसी और उसके आसपास के जिलों के 30 से ज्यादा उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है जिसमें शहर का मशहूर तबला और शहनाई, दीवार वाली पेंटिंग, ठंडाई और लाल पेड़ा और तिरंगा बर्फी जैसी मिठाइयां शामिल हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि जौनपुर की इमरती, मथुरा की सांझी कला, बुंदेलखंड का कठिया गेहूं, पीलीभीत की बांसुरी, प्रयागराज की मूंज कला, बरेली की जरदोजी, चित्रकूट की काष्ठकला और लखीमपुर खीरी की थारू जरदोजी जैसे उत्पादों को हाल ही में जीआई टैग प्रदान किए गए हैं।
 
उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश की मिट्टी की खुशबू अब सीमाओं को पार कर रही है और अपनी विरासत को दूर-दूर तक फैला रही है। मोदी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि 2036 का ओलंपिक भारत में हो। युवाओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि  इस बात पर भी बहुत जोर दिया जा रहा है कि काशी के युवाओं को भारत में आगे बढ़ने के निरंतर अवसर मिलें और अब हम यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहे हैं कि 2036 में ओलंपिक भारत में हो।
 
उन्होंने कहा कि मेरी काशी के नौजवानों, लेकिन ओलंपिक में पदक जीतने के लिए आपको अभी से लगना पड़ेगा इसीलिए आज बनारस में नए स्टेडियम बन रहे हैं, युवा साथियों के लिए नई सुविधाएं तैयार की जा रही हैं, नया स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स खुला है, वाराणसी के सैकड़ों खिलाड़ी वहां ट्रेनिंग ले रहे हैं। इस अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।(भाषा)
Edited by: Chetan Gour

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