प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के नामों का एलान करेंगे। सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री मोदी और केन्द्रीय आवास एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री हरदीप एस. पुरी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 के पुरस्कार वितरित करेंगे। इसमें मध्यप्रदेश को 10 पुरस्कार मिलेंगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह भी भोपाल से वीडियो कॉफेंसिंग के जरिए शामिल होंगे।
स्वच्छ सर्वेक्षण में पिछले 3 सालों से नंबर वन रैंकिंग हासिल करने वाले इंदौर के एक बार फिर पूरे देश में पहले स्थान पर आने की संभावना है। पुरूस्कारों के एलान से पहले इंदौर नगर निगम की आयुक्त प्रतिभा पाल ने कहा कि हमें पूरा भरोसा है कि इंदौर के मेहनती सफाईकर्मियों, जागरूक नागरिकों और जनप्रतिनिधियों की मदद से हम लगातार चौथी बार स्वच्छ सर्वेक्षण में अव्वल रहेंगे और इस तरह सफाई का चौका लगाने का हमारा नारा साकार होगा।
स्वच्छ सर्वेक्षण में मध्यप्रदेश का दबदबा - वहीं स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 में आज इंदौर, भोपाल, जबलपुर, बुरहानपुर, रतलाम, उज्जैन, नगरपालिका परिषद सिहोरा (जबलपुर), नगर परिषद शाहगंज (सीहोर), नगर परिषद कांटाफोड़ (देवास) और छावनी परिषद महू कैंट को भी पुरूस्कार मिलेगा।
स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 में मध्यप्रदेश के 378 शहरों ने अपना बेहतर प्रदर्शन किया। इसमें शहरों में स्वच्छता, साफ-सफाई, आधारभूत संरचनाओं का निर्माण तथा उनका प्रबंधन, ठोस अपशिष्ट का प्रबंधन और शहरों की स्वच्छता बनाये रखने में नागरिकों का सहयोग प्राप्त करने के प्रयास प्रमुखता से किये गये। इन्हीं प्रयासों के परिणाम स्वरूप खुले में शौच से मुक्त राज्य का गौरव प्राप्त किया और हमारे 234 शहर ओडीएफ+ और 107 शहर ओडीएफ++ के परीक्षण में सफल हुए हैं। इसी क्रम में कचरा मुक्त शहर के मूल्यांकन में राज्य के 18 निकाय स्टार रेटिंग प्राप्त करने में सफल रहे हैं, जो देश में सर्वाधिक शहरों के मामलों में द्वितीय स्थान है।
स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 के अंतर्गत देश के 4242 शहरों ने भागीदारी की थी, जिसमें शहरों को साफ-सफाई से आगे स्वच्छता को संस्थागत स्वरूप देना और नागरिक सुविधाओं की उपलब्धता को प्रमुखता से शामिल किया गया था। इस सर्वेक्षण के प्रमुख घटक अपशिष्ट संग्रहण, परिवहन एवं प्र-संस्करण, संवहनीय स्वच्छता, नागरिकों की सहभागिता और नवाचार आदि थे। इन घटकों में कुल 6000 अंकों के आधार पर भारत सरकार द्वारा अधिकृत स्वतंत्र संस्था द्वारा मैदानी मूल्यांकन तथा जनता के फीडबैक के आधार पर अंतिम परिणाम प्रकाशित किये गये हैं।