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पीएम मोदी ने बांटे 65 लाख स्वामित्व संपत्ति कार्ड, कहा- इससे आर्थिक गतिविधियों को मिलेगा बढ़ावा

ये संपत्ति कार्ड 10 राज्यों के 50,000 से अधिक गांवों के लाभार्थियों को वितरित किए जा रहे हैं

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , शनिवार, 18 जनवरी 2025 (14:45 IST)
ownership property cards: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने शनिवार को लगभग 65 लाख स्वामित्व संपत्ति कार्ड (ownership property cards) वितरित किए और कहा कि इससे आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा तथा गरीबी उन्मूलन में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस (video conference) के जरिए कुछ लाभार्थियों से बातचीत भी की और कहा कि इस योजना से लोगों को ऋण और सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में मदद मिलेगी।ALSO READ: केंद्रीय कर्मचारियों को मोदी सरकार का बड़ा तोहफा, 8वें वेतन आयोग का गठन
 
ये संपत्ति कार्ड 10 राज्यों- छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, उत्तरप्रदेश और 2 केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख के 50,000 से अधिक गांवों के लाभार्थियों को वितरित किए जा रहे हैं।
 
2.24 करोड़ लाभार्थियों के पास स्वामित्व संपत्ति कार्ड होंगे : प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 65 लाख कार्ड वितरित किए जाने के बाद अब गांवों में लगभग 2.24 करोड़ लाभार्थियों के पास स्वामित्व संपत्ति कार्ड होंगे। उन्होंने कहा कि संपत्ति अधिकार दुनियाभर में एक बड़ी चुनौती है। कई साल पहले संयुक्त राष्ट्र ने एक अध्ययन किया था जिसमें पता चला था कि कई देशों में लोगों के पास संपत्ति के अधिकार के लिए कानूनी दस्तावेज नहीं हैं। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि गरीबी उन्मूलन के लिए संपत्ति अधिकार महत्वपूर्ण हैं।ALSO READ: मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो में पीएम मोदी ने बताया, देश में क्यों बढ़ रही है वाहनों की मांग?
 
पिछली सरकारों ने संबंध में कुछ खास नहीं किया : प्रधानमंत्री ने कहा कि एक प्रख्यात अर्थशास्त्री ने कहा था कि गांवों में संपत्ति एक मृत पूंजी है, क्योंकि लोग इसके साथ कुछ नहीं कर सकते और यह उनकी आय बढ़ाने में भी मदद नहीं कर सकती। भारत में भी इस चुनौती का असर देखने को मिला। गांवों में लोगों के पास लाखों-करोड़ों की संपत्ति होती है, लेकिन उनके पास उसके कागजात नहीं होते। झगड़े होते थे, संपत्ति हड़प ली जाती थी और बैंक भी उस पर लोन नहीं देते थे। पिछली सरकारों को इस संबंध में कुछ कदम उठाने चाहिए थे, लेकिन कुछ खास नहीं किया गया।
 
मोदी ने कहा कि दलित, पिछड़े वर्ग और आदिवासी इस कानून से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। कानूनी संपत्ति अधिकार मिलने के बाद लाखों लोगों ने ऋण लिया है। उन्होंने इस पैसे का इस्तेमाल अपना कारोबार शुरू करने में किया है। इनमें से कई किसान हैं जिनके लिए ये संपत्ति कार्ड वित्तीय सुरक्षा की गारंटी है। स्वामित्व और भू-आधार गांवों के विकास की नींव बनेंगे।ALSO READ: मिशन स्पेडेक्स को बड़ी सफलता, 2 उपग्रहों की डॉकिंग पर पीएम मोदी ने दी वैज्ञानिकों को बधाई
 
कई मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों और राज्यमंत्रियों ने डिजिटल माध्यम से भाग लिया : इस कार्यक्रम में केंद्रीय पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह 'ललन', केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री एस.पी. सिंह बघेल और पंचायती राज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज भी उपस्थित थे। इसमें कई मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों और राज्य मंत्रियों ने डिजिटल माध्यम से भाग लिया।
 
संपत्ति कार्डों के भौतिक वितरण के लिए 230 से अधिक जिलों में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उम्मीद है कि संपत्ति कार्डों के क्षेत्रीय वितरण समारोहों की देखरेख के लिए देशभर से लगभग 13 केंद्रीय मंत्री निर्दिष्ट स्थानों से भौतिक रूप से शामिल होंगे।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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