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प्रधानमंत्री उठा रहे हैं भविष्योन्मुखी कदम : जेटली

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नई दिल्ली , रविवार, 8 जनवरी 2017 (17:32 IST)
नई दिल्ली। नोटबंदी का विरोध करने पर कांग्रेस पर करारा प्रहार करते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि राहुल गांधी बस संसद को बाधित करने के रास्ते ढूंढ रहे हैं और उनकी पार्टी कालेधन के साथ दोस्ताना संबंध बनाए रखना चाह रही है जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रौद्योगिकी आधारित स्वच्छ अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए प्रयासरत भविष्यदृष्टा हैं। 
जेटली ने कहा कि राष्ट्रीय दल होने के बाद भी कांग्रेस ने प्रौद्योगिकी, बदलाव और सुधार का विरोध करने का राजनीतिक रुख अपनाने का फैसला किया लेकिन अर्थव्यवस्था बाधित होने का उसका अतिरंजित दावा गलत साबित हुआ। 
 
फेसबुक पर 'नोटबंदी- पिछले दो महीने का अवलोकन' शीर्षक से अपने पोस्ट में वित्तमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री और उनके विरोधियों के नजरिए में बहुत बड़ा अंतर है। जेटली ने लिखा कि प्रधानमंत्री भविष्यदृष्टा हैं तथा वे और आधुनिक, प्रौद्योगिकी आधारित स्वच्छ अर्थव्यवस्था के बारे में सोच रहे थे। वे अब राजनीतिक चंदा प्रणाली को स्वच्छ बनाने की बात कर रहे हैं। उनके विरोधी नकदी का वर्चस्व, नकद सृजनकारी एवं नकद विनिमय प्रणाली जारी रखना चाहते हैं। 
 
वित्तमंत्री ने लिखा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राहुल गांधी में फर्क स्पष्ट है... प्रधानमंत्री अगली पीढ़ी के बारे सोच रहे हैं जबकि राहुल गांधी की नजर बस इस बात पर है कि कैसे संसद के अगले सत्र को बाधित किया जाए। 500 और 1,000 रुपए के पुराने नोटों का चलन बंद करने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 8 नवंबर की घोषणा के बाद विपक्षी कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के विरोध के चलते संसद का 1 माह का शीतकालीन सत्र बाधित रहा। यह सत्र 16 दिसंबर को खत्म हुआ। 
 
पिछले महीने राहुल गांधी ने नोटबंदी को लेकर मोदी पर करारा प्रहार किया था और इसे भारत के इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला बताया था। ऐसी आशंका है कि विपक्ष बजट सत्र में भी बाधा पहुंचा सकता है, जो संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ 31 जनवरी को शुरू होगा। 
 
अपने पोस्ट में जेटली ने कहा कि नोटबंदी जैसे बड़े फैसले के क्रियान्वयन से कोई सामाजिक अशांति पैदा नहीं हुई। उन्होंने इस संबंध में मीडिया संगठनों द्वारा कराई गई रायशुमारी का हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि अधिसंख्य लोगों ने सरकार के इस फैसले का समर्थन किया। 
 
जेटली ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि विपक्ष ने संसद के पूरे सत्र को चलने नहीं दिया। उसका विरोध निष्प्रभावी रहा। अर्थव्यवस्था बाधित होने का उसका अतिरंजित दावा गलत साबित हुआ। यह बहुत दुखद है कि कांग्रेस ने प्रौद्योगिकी, बदलाव और सुधार का विरोध करने का राजनीतिक रुख अपनाने का फैसला किया। वह कालेधन के साथ दोस्ताना यथास्थिति में बनी रही। 
 
उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद औद्योगिक उत्पादन में गिरावट की आशंका को झुठलाते हुए नवंबर में खाली अप्रत्यक्ष कर संग्रहण 23.1 फीसदी बढ़कर 67,358 करोड़ रुपए हो गया। अप्रैल-नवंबर 2016 का कुल संग्रहण 26.2 फीसदी बढ़कर 7.53 लाख करोड़ रुपए हो गया। जेटली ने पहले कहा था कि राजस्व प्रवृत्ति दर्शाती है कि नोटबंदी का असर उतना नहीं है जितना कि आलोचक अनुमान लगाते हैं। 
 
उन्होंने कहा कि वाकई कुछ ऐसे क्षेत्र होंगे, जहां प्रतिकूल असर हुआ होगा लेकिन आलोचकों ने जो अनुमान लगाया कि वह राजस्व संग्रहण के संदर्भ में तार्किक होना चाहिए। आकलन अवास्तविक हो सकता है लेकिन राजस्व वास्तविक है। अप्रैल-19 दिसंबर 2016 के दौरान आयकर में 14.4 फीसदी की वृद्धि हुई और बड़े रिफंड के समायोजन के बाद कुल बढ़ोतरी 13.6 फीसदी जाती है। (भाषा)

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