नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विपक्ष के द्वारा उठाए गए मुद्दों पर जमकर पलटवार किया है। न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए साक्षात्कार में प्रधानमंत्री ने एनआरसी, रोजगार, आरक्षण पर सवालों के जवाब दिए।
प्रधानमंत्री ने एनआरसी पर कहा कि जिन लोगों का देश की नब्ज से संबंध टूट गया है वे ही इसका विरोध कर रहे हैं। मॉब लिंचिंग पर प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसी एक भी घटना होना दुर्भाग्यजनक है। लोगों को राजनीति छोड़कर शांति व एकता के लिए काम करना चाहिए।
एनआरसी पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 'जिन लोगों का खुद पर से भरोसा उठ गया है, जिन्हें जनता का समर्थन नहीं मिलने का डर है और जिन्हें हमारी संस्थाओं पर विश्वास नहीं है वे सिविल वॉर, ब्लड बाथ, देश के टुकड़े-टुकड़े जैसे शब्दों का प्रयोग करते करते हैं। प्रधानमंत्री ने विश्वास दिलाया कि भारत के एक भी नागरिक को देश नहीं छोड़ना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रक्रिया के तहत लोगों को अपनी नागरिकता साबित करने का पूरा मौका दिया जाएगा।
रोजगर के विपक्ष के आरोपों पर प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले एक साल में एक करोड़ से ज्यादा नौकरियां पैदा हुई हैं। ऐसे में नौकरियां नहीं होने का अभियान रुकना चाहिए।
मॉब लिंचिंग और महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस तरह की एक भी घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हर किसी को राजनीति से ऊपर उठकर समाज में शांति और एकता बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने और मेरी पार्टी ने कई मौकों पर ऐसी घटनाओं और विचारधारा की साफ शब्दों में निंदा की है। यह सब रिकॉर्ड में है।
साथी दलों के भाजपा से मोह भंग होने के सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल ही में हुई दो घटनाएं- लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव और राज्यसभा में उपसभापति का चुनाव इसका जवाब देंगे। इन घटनाओं के नतीजे दिखाते हैं कि कौनसा गठबंधन एकजुट है और कौनसा टूट रहा है। सचाई तो यह है कि हमें ऐसे दल भी समर्थन दे रहे हैं जो हमारे साथी नहीं है। भाजपा ने हाल के सालों में लगातार अपना दायरा लोगों में और ज्यादा दलों को एनडीए से जोड़ने में बढ़ाया है। आरक्षण के सवाल पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आरक्षण यहीं रहेगा। इस बारे में किसी को कोई शंका नहीं होनी चाहिए।