नई दिल्ली/ इस्लामाबाद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (दक्षेस) की शिखर बैठक में नवंबर में पाकिस्तान जाने को लेकर भारतीय कूटनीतिक गलियारों में अलग-अलग स्वर सुनाई दिए।
पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त गौतम बम्बावाले ने कल कराची में कहा था कि मोदी दक्षेस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इस्लामाबाद आ सकते हैं। इस खबर के पाकिस्तानी मीडिया में प्रमुखता से आने के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट करके कहा कि ऐसी यात्राओं के बारे में इतना पहले फैसले नहीं होते और न ही इनकी घोषणा की जाती है।
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार भारतीय उच्चायुक्त ने कराची में कल एक कार्यक्रम में कहा था कि मैं भविष्य के बारे में कुछ नहीं कह सकता लेकिन आज की बात की जाए तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दक्षेस सम्मेलन में शामिल होनों के लिए यहां आ सकते हैं।
उन्होंने कहा कि वह इस समय की स्थिति के अनुसार यह बात कह रहें हैं लेकिन वह नहीं जानते कि भविष्य में हालात क्या रूप लेंगे। बम्बावाले ने कहा कि दोनों देशों के बीच बहुत अधिक तनाव की स्थिति में भी संपर्क बना रहा है। दोनों पक्षों के बीच अधिकाधिक व्यापार तथा व्यवसायिक सहयोग बढाकर संबंधों को सामान्य बनाने की शुरुआत की जा सकती है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने मोदी को दक्षेस सम्मेलन में शामिल होने के लिए न्योता भेज दिया है। गौरलतब है कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह राजनाथ सिंह दक्षेस देशों के गृह मंत्रियों की बैठक में भाग लेने पिछले महीने इस्लामाबाद आए थे लेकिन कोई द्विपक्षीय बातचीत नहीं हुई थी।
यहां के कुछ संगठनों ने उनके आने पर प्रदर्शन भी किया था।इसके बाद दक्षेस के वित्त मंत्रियों के भी बैठक हुई थी लेकिन वित्त मंत्री अरुण जेटली इसमें भाग लेने नहीं गए थे और उनकी जगह वित्त मंत्रायल में आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिदास कांत ने बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया। (वार्ता)