नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मलयालम अभिनेत्री प्रिया प्रकाश वारियर और फिल्म 'ओरु अदार लव' के निर्देशक को बुधवार को फौरी राहत देते हुए विवादित गाने 'माणिक्य मलराय पूवी' को लेकर दर्ज सभी आपराधिक मुकदमों पर रोक लगा दी।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने वकील हरीश बीरन की दलीलें सुनने के बाद प्रिया प्रकाश एवं फिल्म के निर्देशक ओमर अब्दुल वहाब के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमों पर अगले आदेश तक रोक लगाई।
शीर्ष अदालत ने इस मामले में तेलंगाना और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस भी जारी किए। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि अन्य राज्य उक्त गाने को आधार बनाकर दंड विधान संहिता (सीआरपीसी) की धारा 200 के तहत दायर शिकायत पर अमल नहीं करेंगे। इससे पहले, जैसे ही मामले की सुनवाई शुरू हुई न्यायमूर्ति मिश्रा ने बीरन से सवाल किया कि आखिरकार याचिकाकर्ताओं ने उच्च न्यायालय का दरवाजा क्यों नहीं खटखटाया, इस पर उन्होंने कहा कि विभिन्न उच्च न्यायालयों में इस बाबत कई मामले चल रहे हैं।
इस दलील से संतुष्ट होकर न्यायालय ने सभी मुकदमों पर रोक का आदेश दिया। फिल्म के इस गाने को लेकर तेलंगाना के अलावा महाराष्ट्र में भी प्राथमिकियां दर्ज कराई गई हैं। इसी वजह से याचिकाकर्ताओं ने तेलंगाना और महाराष्ट्र सरकारों को भी प्रतिवादी बनाया है।
शिकायत में कहा गया है कि गाने के बोल में जिस तरह पैगम्बर मोहम्मद की पत्नी का जिक्र किया गया है, वह आपत्तिजनक है। इस गाने से मुस्लिम समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं, इस पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि प्रिया 'माणिक्य मलराय पूवी' गाने की 26 सेकंड की क्लिप के कारण इंटरनेट सनसनी बन गई थीं। इसमें वह अपने को-स्टार को आंखों से घायल करती नजर आई थीं।
इसी वजह से उन्हें रातोंरात ख्याति मिल गई। इस गाने के कारण ही प्रिया को बॉलीवुड से भी फिल्म के प्रस्ताव आने शुरू हो गए हैं। उन्होंने इंटरनेट सर्च के मामले में दिग्गज अभिनेत्रियों को भी पीछे छोड़ दिया था। प्रिया बीकॉम प्रथम वर्ष की छात्रा हैं। इस फिल्म में कॉलेज के दिनों के प्यार को फिल्माया गया है। (वार्ता)