नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने गाजियाबाद में एक पत्रकार को गोली मारे जाने की घटना को लेकर मंगलवार को उत्तरप्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि इस 'जंगलराज' में कोई आम व्यक्ति कैसे सुरक्षित महसूस करेगा।
उन्होंने ट्वीट किया कि गाजियाबाद एनसीआर में है। यहां कानून-व्यवस्था का यह आलम है तो आप पूरे उत्तरप्रदेश में कानून-व्यवस्था के हाल का अंदाजा लगा लीजिए। एक पत्रकार को इसलिए गोली मार दी गई, क्योंकि उन्होंने भानजी के साथ छेड़छाड़ की तहरीर पुलिस में दी थी। कांग्रेस की उत्तरप्रदेश प्रभारी ने सवाल किया कि इस जंगलराज में कोई भी आमजन खुद को कैसे सुरक्षित महसूस करेगा?
गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी ने अपनी भानजी के साथ कुछ लड़कों द्वारा छेड़छाड़ के मामले में कार्रवाई के लिए पुलिस में 16 जुलाई को एफआईआर भी दर्ज कराई थी। इससे नाराज बदमाशों ने पत्रकार को सोमवार रात को गोली मार दी। पत्रकार की हालत गंभीर है और वे जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं।
पत्रकार विक्रम जोशी एक स्थानीय समाचार पत्र में कार्यरत हैं। जोशी पर बदमाशों ने रात करीब साढ़े 10 बजे तब गोलियां चलाई थी, जब वे अपनी 2 बेटियों के साथ बाइक पर जा रहे थे। सिर में गोली लगते ही जोशी लहुलुहान हो गए और उनके नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराया गया यह पूरी वारदात पास लगे एक सीसी टीवी कैमरे में कैद हो गई।
गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने कहा कि प्राथमिकी में नामज़द 2 व्यक्तियों समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि स्थानीय पुलिस चौकी के प्रभारी राघवेंद्र को निलंबित कर दिया गया है।
नैथानी ने कहा, जोशी के भाई अनिकेत जोशी की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या की कोशिश), 506 (धमकी देना) और 34 (एक मंशा से कई लोगों द्वारा कृत्य करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
उन्होंने बताया कि प्राथमिकी में तीन संदिग्धों (छोटू, आकाश बिहारी और रवि) का नाम है। इसके अलावा प्राथमिकी में कुछ अज्ञात लोगों का भी जिक्र है। छोटू और रवि को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि आकाश को पकड़ने की कोशिश की जा रही है। मामले पर पुलिस की छह टीमें काम कर रही हैं।
नैथानी ने बताया कि पुलिस मामले के सबूतों के आधार पर मोहित, दलबीर, आकाश, योगेंद्र, अभिषेक और शाकिर को गिरफ्तार कर चुकी है। परिवार ने आरोप लगाया कि विजय नगर पुलिस चौकी में दर्ज अपनी शिकायत में जोशी ने छोटू, रवि और आकाश का नाम लिया था।
क्या है पूरा मामला : असल में यह पूरा मामला 2019 में होली वाले दिन का है, जब पत्रकार की भांजी के साथ कुछ युवकों ने छेड़छाड़ की थी। इसके बाद पत्रकार जोशी ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस ने छेड़छाड़ करने वालों पर 151 में चालान काटकर छोड़ दिया। इसके बाद से ही आरोपी जोशी की भानजी को तंग करने के साथ ही उठाकर ले जाने की धमकी देने लगे। जब जोशी ने इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई तो वे क्रुद्ध हो गए और उन्होंने जानलेवा हमला कर दिया।
क्या हुआ था सोमवार की रात घटना के वक्त : दरअसल पत्रकार जोशी अपनी बहन के घर से बाइक पर सवार होकर अपने विजय नगर स्थित कर लौट रहे थे, तभी रास्ते में कार में सवार आए बदमाशों ने टक्कर मारकर उन्हें गिरा दिया। जोशी के गिरते ही बदमाशों ने उन पर गोलियां चलाई और फिर वे भाग निकले।
जोशी का कसूर सिर्फ इतना था कि वे अपनी भानजी के खिलाफ धमकी देने वालों के खिलाफ लड़ाई लड़ रह थे। यूपी में आए दिन इस तरह की घटना आम बात है। पुलिस कि कमजोर परैवी के चलते आरोपी जेल की सलाखों से बाहर आ जाते हैं और कानून के रखवालों को ठेंगा दिखाते है।