नई दिल्ली। सशस्त्र बलों में भर्ती से संबंधित अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन का सबसे ज्यादा असर रेल यातायात पर पड़ा है। देश के कई राज्यों में रेलवे स्टेशनों पर तोड़फोड़, हंगामें और ट्रेनों में आगजनी की खबरे सामने आई। अब तक 300 से अधिक ट्रेन प्रभावित हुई हैं जबकि 234 रद्द की जा चुकी हैं।
रेलवे ने कहा कि प्रदर्शन के कारण 94 मेल व एक्सप्रेस ट्रेन जबकि 140 यात्री ट्रेन रद्द की जा चुकी हैं। वहीं 65 मेल व एक्सप्रेस ट्रेन और 30 यात्री ट्रेन आंशिक रूप से रद्द की गई हैं। रेलवे ने 11 मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों का मार्ग बदल दिया है। अब तक कुल ट्रेन 340 ट्रेन प्रभावित हुई हैं।
मंडलीय रेलवे के बयान के अनुसार, पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) में 164, उत्तर पूर्वी रेलवे (एनईआर) में 34, उत्तर रेलवे (एनआर) में 13 और पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे में लगभग तीन ट्रेन रद्द की गईं।
प्रदर्शनकारी अब तक सात ट्रेनों की बोगियों को आग लगा चुके हैं। प्रदर्शनकारियों ने ईसीआर में तीन चलती ट्रेनों के डिब्बों और उसी जोन के कुल्हरिया में एक खाली बोगी को क्षतिग्रस्त कर दिया।
दक्षिण रेलवे ने आंदोलन और आगजनी को देखते हुए उसके अधिकार क्षेत्र से बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के गंतव्यों की ओर जाने वाली सभी ट्रेनों को बीच में ही रोक दिया जाएगा।
इससे पहले, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने युवाओं से रेलवे संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि मैं युवाओं से हिंसक विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं होने और रेलवे की संपत्तियों को नुकसान नहीं पहुंचाने की अपील करता हूं।
प्रदर्शन का सबसे अधिक प्रभाव पूर्व मध्य रेलवे पर पड़ा है जिसके अंतर्गत बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के कई हिस्से आते हैं। इन राज्यों में व्यापक स्तर पर प्रदर्शन देखा गया है। ऐसे में पूर्व मध्य रेलवे ने प्रदर्शन के कारण आठ ट्रेनों के परिचालन की निगरानी करने का फैसला भी किया है।