नई दिल्ली। चिनार कॉर्प्स कमांडर रह चुके रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने अपनी किताब 'कितने गाजी आए, कितने गाजी गए' में खुलासा किया है कि पुलवामा हमले के 10 दिनों बाद ही आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के आतंकियों ने आत्मघाती हमला कर पुलवामा जैसे हमले को दोहराने की साजिश रची थी। हालांकि खूफिया सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए सुरक्षाबलों ने आतंकियों को पहले ही मुठभेड़ में मार गिराया।
लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लन की किताब कितने गाजी आए कितने गाजी गए की लांचिंग शुक्रवार को की गई। इसमें ढिल्लन ने लिखा है कि ऐसे कई आत्मघाती हमलों के बारे में लोग नहीं जानते हैं, जिसकी योजना फरवरी 2019 में ही बनाई गई थी। एक आतंकवादी ने अपने आत्मघाती हमले के इरादे से एक वीडियो बनाया था, जिसमें विस्फोटक और अन्य हथियार दिख रहे थे। इसी इनपुट के आधार पर सुरक्षाबलों ने जॉइंट ऑपरेशन चलाया और आतंकियों की योजना फेल कर दी।
किताब में बताया गया है कि 24 फरवरी 2019 को खूफिया सूचना मिली कि आतंकी आत्मघाती हमला करने की साजिश रच रहे हैं। कुलगाम के DSP अमन कुमार ठाकुर ने राष्ट्रीय राइफल्स को इस हमले के बारे में खूफिया सूचना दी थी। सूचना के आधार पर त्वरित कार्रवाई करते हुए सुरक्षाबलों ने 3 आतंकियों को कुलगाम के तुरीगाम गांव में घेर लिया।
दोनों ओर से हुई भीषण गोलीबारी में तीनों आतंकी ऑपरेशन में मारे गए। डीएसपी अमन ठाकुर और नायब सूबेदार सोमबीर भी इस ऑपरेशन में शहीद हो गए। दोनों को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था।
उल्लेखनीय है कि पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को एक आत्मघाती हमलावर ने अपने वाहन को CRPF के काफिले की बस से टकरा दिया था। इस भीषण हमले में 40 जवान शहीद हुए थे। इस हमले के बदला लेने के लिए भारतीय सेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक कर 200 आतंकियों को मार गिराया था।
Edited By : Nrapendra Gupta