नई दिल्ली। अखाड़ा परिषद द्वारा घोषित फर्जी संतों की सूची में शामिल राधे मां का स्वागत एक पुलिस अधिकारी को महंगा पड़ गया। विवेक विहार थाने के एसएचओ संजय शर्मा को इसके लिए लाइन अटैच कर दिया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नवरात्रि के दौरान राधे मां विवेक विहार थाने पहुंच गई थीं, जहां एसएचओ संजय शर्मा अपनी कुर्सी से खड़े हो गए और राधे मां को बैठा दिया। उनके गले में चुनरी भी नजर आ रही थी। जैसे ही थाने का यह फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो पुलिस की काफी आलोचना हुई। फोटो में हाथ जोड़े राधे मां से आशीर्वाद लेने की मुद्रा में नजर आ रहे एसएचओ को लाइन हाजिर कर दिया गया।
जानकारी के मुताबिक नवरात्रि के दौरान राधे मां विवेक विहार थाना क्षेत्र में रामलीला में आई थी। वहां भीड़ बढ़ी तो एसएचओ उन्हें थाने ले आए। जब इस पूरे मामले में मीडिया ने एसएचओ से सवाल किया तो वे मुंह छिपाते नजर आए।
कौन है राधे मां : सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां का जन्म पंजाब के गुरदासपुर जिले के एक सिख परिवार में हुआ था। इनकी शादी पंजाब के ही रहने वाले व्यापारी सरदार मोहनसिंह से हुई है।
सुखविंदर 21 साल की उम्र में महंत रामाधीन परमहंस की शरण में पहुंच गई। परमहंस ने सुखविंदर को छह महीने तक दीक्षा दी और इसके साथ ही नया नाम दिया राधे मां। इसके बाद वह मुंबई आ गई और राधे मां के नाम से मशहूर हो गई। (फोटो : सोशल मीडिया)