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राफेल समझौते की जानकारी देने से वायुसेना ने इंकार किया

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नई दिल्ली , रविवार, 5 फ़रवरी 2017 (12:12 IST)
नई दिल्ली। वायुसेना का कहना है कि भारत और फ्रांस के अधिकारियों के बीच हुए 36 राफेल विमानों की आपूर्ति के समझौते की जानकारी नहीं दी जा सकती है, क्योंकि यह समझौता गोपनीय प्रकृति का है।

 
भारत और फ्रांस की सरकार के बीच 23 सितंबर 2016 को एक अंतर-सरकारीय करार हुआ था, जो राफेल विमानों और हथियारों की शुरुआती खेप की आपूर्ति, किफायती एवं क्षमता संपन्न साजोसामान के जरिए लंबे अरसे तक रखरखाव, सिम्युलेटर और उनका सालाना रखरखाव तथा संबंधित उपकरण के बारे में था।
 
आरटीआई में पूछे गए सवाल के जवाब में वायुसेना ने कहा कि उसने इसका ब्योरा एक अमानती के तौर पर अपने पास रखा है। वायुसेना ने कहा कि मांगी गई जानकारी गोपनीय प्रकृति की है जिसे सार्वजनिक करने पर इसकी उपलब्धता हमारे विरोधियों के पास होने का खतरा है।
 
पीटीआई-भाषा की ओर से दायर आवेदन में वायुसेना ने कहा कि मांगी गई सूचना हमने अमानती के तौर पर रखी है और इसे सार्वजनिक करने से जनता का कोई हित जुड़ा नहीं है इसलिए जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई जाएगी।
 
रक्षा मंत्रालय से समझौते की प्रतियां और राफेल सौदे के मूल्य संबंधी जानकारी मांगी गई थी। मंत्रालय ने इस आवेदन को वायुसेना की ओर बढ़ा दिया। सौदे के तहत 36 राफेल विमानों, हथियारों और संबंधित उपकरणों की भारत में आपूर्ति सितंबर 2019 से शुरू होगी। आपूर्ति ढाई साल तक चलेगी और आखिरी विमान की आपूर्ति अप्रैल 2022 में होगी। (भाषा)

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