लोकसभा चुनाव के बाद संसद में राहुल-अखिलेश की जोड़ी सत्ता पक्ष पर भारी पड़ती दिख रही है। मंगलवार को लोकसभा में भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने जब राहुल गांधी की जाति को लेकर निशाना साधा तब सपा मुखिया अखिलेश यादव अपनी सीट से उठ कर अनुराग ठाकुर के बयान पर आपत्ति जताते हुए जमकर हमला बोला। लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में कमाल करने वाली राहुल-अखिलेश की जोड़ी संसद में भी भाजपा पर भारी पड़ती दिख रही है। मौजूदा सत्र में देखा गया है कि राहुल-अखिलेश सड़क से लेकर सदन तक एकजुट होकर मोदी सरकार को सिर्फ घेरते ही नहीं बल्कि एक दूसरे के लिए सियासी ढाल भी बन रहे हैं।
मंगलवार को संसद में बजट पर चर्चा के दौरान भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि ओबीसी जनगणना की बहुत की जाती है, जिसकी जाति का पता नहीं है वह जाति जनगणना की बात करते है। अनुराग ठाकुर के इस बयान पर राहुल और अखिलेश ने एक सुर में अनुराग ठाकुर पर जमकर हमला बोला। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि अनुराग ठाकुर ने उनको गाली दी और उनका अपमान किया। राहुल गांधी ने कहा कि जो भी आदिवासी, दलित और पिछड़े के मुद्दे उठाता है, उसे गालियां दी जाती हैं, मैं खुशी-खुशी इन गालियों को स्वीकार करूंगा। अनुराग ठाकुर ने मुझे गालियां दी हैं और मेरा अपमान किया है, लेकिन मैं उनसे कोई माफी नहीं चाहता।
वहीं राहुल के साथ समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि कोई किसी की जाति कैसे पूछ सकता
है। उन्होंने अनुराग ठाकुर पर मंत्री नहीं बन पाने को लेकर भी तंज कसा। अखिलेश ने कहा कि माननीय मंत्री रहे हैं, बड़े दल के नेता हैं, बड़ी बात कर रहे थे. शकुनी, दुर्योधन तक यहां ले आए, लेकिन इनसे मैं ये पूछना चाहता हूं कि आपने जाति कैसे पूछ ली. आप जाति कैसे पूछ सकते हैं? इतना ही नहीं अखिलेश ने सदन में तेज आवाज में अपनी बात रखने हुए अनुराग ठाकुर को घेरा।
सियासत में राहुल-अखिलेश जोड़ी भारी-उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के नतीजे बताते है कि राहुल-अखिलेश की जोड़ी भाजपा पर भारी पड़ गई है। उत्तरप्रदेश में भाजपा की हार ने भाजपा के 400 पार के सपने को चकनाचूर कर दिया। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में राहुल-अखिलेश की जोड़ी ने कमाल करते हुए 80 लोकसभा सीटों में 43 सीटों पर जीत हासिल कर भाजपा को 33 सीटों पर रोक दिया। लोकसभा चुनाव मे अखिलेश यादव की पार्टी सपा ने 37 सीटें जीतकर भाजपा को चारों खाने चित्त कर दिया। भाजपा को लोकसभा चुनाव में 2019 की तुलना में 29 सीटों को नुकसान उठाना पड़ा। लोकसभा चुनाव के नतीजों से जोश में भरी राहुल-अखिलेश की जोड़ी ने अब 2027 के विधानसभा चुनाव को अपने टारगेट में ले लिया और उसके अनुसार ही दोनों ही नेता 2027 में उत्तर प्रदेश में भाजपा का हराने की हुंकार भर रहे है।
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद उत्तर प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनाव की सियासी पटकथा लिखना शुरु कर दी गई है। इसका नजारा उत्तर प्रदेश की विधानसभा से दिल्ली की संसद तक देखने को मिल रहा है। पिछले दिनों अखिलेश यादव ने माता प्रसाद पांडे को उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाकर ब्राह्मण वोटरों को साधने का बड़ा कार्ड चल दिया है। दरअसल उत्तर प्रदेश की राजनीति के जानकार बताते है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार मे ब्राह्मणों में नारजगी देखी जा रही है, इसी का फायदा उठाने की कोशिश में अखिलेश यादव जुटे है।
लोकसभा चुनाव से राहुल गांधी और अखिलेश की सियासी केमिस्ट्री ने भाजपा को बैचेन कर दिया है। दोनों ही नेताओं की जुगलबंदी से पीएम मोदी से लेकर योगी आदित्यनाथ बैकफुट पर नजर आ रहे है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, योगी आदित्यनाथ सहित भाजपा के बड़े नेता लगातार राहुल गांधी और अखिलेश के बीच दूरियों करने की कोशिश कर रहे है। भाजपा लगातार इंडिया गठबंधन के घटक दलों के बीच सियासी दरार डालने की रणनीति के तहत हर दांव चल रही हैं। पीएम मोदी ने कहा था कि कांग्रेस भी जिस पार्टी के साथ गठबंधन करती है, उसी के वोट खा जाती है।
संसद में जिस तरह से जाति के मुद्दें पर राहुल और अखिलेश की जुगलबंदी दिखाई दी, वह भाजपा पर भारी पड़ती दिखाई दे रही है। लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी ने संविधान और आरक्षण वाला नैरेटिव तो अखिलेश का पीडीए फॉर्मूले वाले दांव ने भाजपा के यूपी जीत के मंसूबों पर पानी फेर दिया।
दरअसल लोकसभा चुनाव में यूपी के लड़के यानि राहुल और अखिलेश की जोड़ी ने मोदी को सीधे चुनौती दे दी है, ऐसे में अब इस बात की पूरी संभावना है कि 2027 विधानसभा चुनाव में भी राहुल-अखिलेश की जोड़ी भाजपा को सत्ता की हैट्रिक लगाने से रोकेगा।