नई दिल्ली। लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गले मिलने की घटना पर योगगुरु बाबा रामदेव फिदा हो गए हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें भी राहुल की झप्पी अच्छी लगी।
एक स्थानीय कार्यक्रम में शामिल होने रायपुर पहुंचे रामदेव ने कहा, सत्ता पक्ष और विपक्ष में मुद्दों पर आधारित एक बहस जरूर हुई। लोकतंत्र की परंपरा के लिए यह शुभ है। राजनीतिक पार्टियों में मुद्दों पर आधारित विरोध और समर्थन जरूर होना चाहिए। राजनीति में आंकड़ों का एक अलग प्रकार का खेल होता है, उसमें मैं पड़ना नहीं चाहता। इतना जरूर कहता हूं सबको एक ईमानदार कोशिश करनी चाहिए, क्योंकि देश में बेरोजगारी, गरीबी, भूख, अभाव व शिक्षा, असमानता बहुत बड़े मुद्दे हैं।
रामदेव ने कहा, राजनीति में परस्पर बैर नहीं होना चाहिए बल्कि मुद्दों पर आधारित विरोध होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये अच्छी शुरुआत हुई है। बैर मन में ना हो, जो विरोध हो वह मुद्दा आधारित हो। योगगुरु रामदेव ने कहा कि संसद में आज मुद्दों पर आधारित बहस हुई। सभी ने अपने बुनियादी अधिकारों का उपयोग किया। ये अलग बात है कि विपक्ष पर सत्ता पक्ष भारी रहा क्योंकि उनका संख्या बल भारी है। उन्होंने कहा कि किसी भी तरीके से मौलिक और लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए। यह एक सोशल जस्टिस की बात है।
उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय के लिए, समानता के लिए, सोशल जस्टिस के लिए। अब तक11000 लोगों को हमारी संसथा ने नौकरी दी है। 2-3 महीने में 11000 लोगों को नौकरी देंगे। आने वाले समय में 500000 रोजगार उपलब्ध कराना इसको हम सेवा मानते हैं। इसको राजनीति नहीं मानते हैं। 2019 की लड़ाई पुनः मुद्दों पर होने वाली है और पीएम मोदी ने भी बोला है वह भी अपना हिसाब किताब देंगे। विपक्षी दल है वह भी अपने मुद्दे रखेंगे। वक्त बताएगा 2019 में देश का दिल कौन जीत पाएगा।
बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर अप्रत्यक्ष हमला करते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि साधु बेरोजगार होता है और उनके जैसा फकीर जब लाखों लोगों को रोजगार देता है तो वजीर और वजीर-ए-आलम को और ज्यादा देना ही चाहिए।