मनामा। कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करने के पश्चात भारत के बाहर पहली बार प्रवासी भारतीयों को अपने संबोधन में राहुल गांधी ने सरकार पर लोगों को जाति एवं धर्म के आधार पर बांटने का आरोप लगाया। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार वह बेरोजगार युवाओं के गुस्से को समाज में नफरत में बदल रही है। उन्होंने प्रवासी भारतीयों से घृणा एवं विभाजन की शक्तियों से लड़ने में मदद की अपील की।
राहुल गांधी ने यहां प्रवासी भारतीय समुदाय को यह आश्वासन दिया कि वह अगले छह महीने में नई ‘चमकती कांग्रेस पार्टी’ सामने लायेंगे जिस पर लोग विश्वास करेंगे। इस तरह उन्होंने संगठन में व्यापक बदलाव का संकेत दिया।
उन्होंने कहा कि देश में ‘गंभीर समस्या’ है और उन्होंने प्रवासी भारतीयों से उसे हल करने में मदद तथा नया स्वरुप प्रदान करने में भागीदार बनने की अपील की।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि कांग्रेस 2019 में भाजपा को हराएगी क्योंकि उसके पास ऐसा करने की शक्ति और क्षमता है। उन्होंने कहा कि भगवा पार्टी अपने गढ़ गुजरात में हाल के चुनाव में बमुश्किल बच सकी।
राहुल गांधी ने देश के बारे में अपना दृष्टिकोण रखा और कहा कि उनकी शीर्ष प्राथमिकता रोजगार पैदा करना, अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं तैयार करना और शिक्षा प्रणाली बनाना है।
उन्होंने दावा किया कि नौकरियां पैदा करने में सरकार की विफलता से भारत में व्यापक अशांति है महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और बी आर अंबेडकर को भी प्रवासी करार देते हुए उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों को भारत के विचार की रक्षा के लिए 1947 में आपकी जरुरत महसूस हुई थी और अब मैं भारत को बदलने के लिए आपकी मदद मांगने आया हूं।
उन्होंने कहा कि भारतीय राजनीति बिल्कुल विचित्र अनुभव है एवं नेताओं द्वारा किसी की निशानदेही करना गलत है, इससे लोगों के खिलाफ नफरत और हिंसा होती है। जब ऐसे अपराध होते हैं तो सरकार उन पर चुप रहती है, ऐसा नहीं होना चाहिए। (भाषा)