लंदन। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लंदन में एक बयान में कहा कि मैं अभी प्रधानमंत्री बनने के बारे में नहीं सोच रहा। उन्होंने कहा कि मैं खुद को एक वैचारिक लड़ाई लड़ने वाले के तौर पर देखता हूं।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं यह सपना नहीं देखता। फिलहाल मैं प्रधानमंत्री बारे में नहीं सोच रहा। मैं खुद को एक वैचारिक लड़ाई लड़ने वाले के तौर पर देखता हूं। मुझमें यह बदलाव 2014 के बाद आया। मुझे लगा कि भारत में जैसी घटनाएं हो रही हैं, उससे भारत और भारतीयता को खतरा है। मुझे इससे देश की हिफाजत करनी है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले मई में राहुल गांधी ने इसी सवाल पर बेंगलुरु में कहा था- अगर 2019 के चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती है तो फिर मैं प्रधानमंत्री क्यों नहीं बन सकता?
लोगों के पास नौकरी नहीं : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा एवं आरएसएस पर अपने हमले को तेज करते हुए कहा कि लोग अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे जनवादी नेताओं का समर्थन इसलिए करते हैं क्योंकि वे नौकरी नहीं होने को लेकर गुस्से में हैं। समस्या के समाधान की बजाए ये नेता उस गुस्से को भुनाते हैं और देश को नुकसान पहुंचाते हैं।