नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कश्मीर घाटी से पुलिस अधिकारी देविंदर सिंह की गिरफ्तारी को लेकर गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल की कथित ‘खामोशी’ को लेकर सवाल किया और कहा कि सिंह के खिलाफ त्वरित अदालत में मुकदमा चलना चाहिए और दोषी पाए जाने पर उसे कड़ी सजा दी जानी चाहिए।
गांधी ने यह सवाल भी किया कि देविंदर सिंह की पुलवामा हमले में क्या भूमिका थी और उसे किसका संरक्षण मिल रहा था? उन्होंने ट्वीट कर कहा कि डीएसपी देविंदर सिंह ने अपने घर पर तीन ऐसे आतंकवादियों को अपने घर पर पनाह दी और उन्हें दिल्ली ले जाते हुए पकड़ा गया जिनके हाथ में भारतीय नागरिकों का खून लगा है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि उसके खिलाफ त्वरित अदालत में 6 महीने के भीतर मुकदमा चलना चाहिए और अगर वह दोषी है तो उसे भारत के खिलाफ देशद्रोह के लिए कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। गांधी ने सवाल किया- देविंदर सिंह पर प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और एनएसए खामोश क्यों हैं? पुलवामा हमले में देविंदर सिंह की क्या भूमिका थी? उसने और कितने आतंकवादियों की मदद की? उसे कौन संरक्षण दे रहा था और क्यों दे रहा था?
किसके इशारे पर काम कर रहा था देविंदर : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने गुरुवार कहा कि इस बात की पूरी जांच होनी चाहिये कि आतंकवादियों के साथ साठगांठ के आरोप में जम्मू-कश्मीर पुलिस से निलंबित डीएसपी देविंदर सिंह किसके इशारे पर काम कर रहा था।
वाड्रा ने ट्विटर पर लिखा कि देविंदर सिंह की गिरफ्तारी चिंतित करने वाले प्रश्न खड़े करती है जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्त्वपूर्ण है।
बड़ी अजीब बात है कि न सिर्फ इतने दिनों तक उसके (आतंकवादियों से संबंध के) बारे में पता नहीं चल सका बल्कि विदेशी राजनयिकों की जम्मू-कश्मीर यात्रा के दौरान उनके साथ उसकी ड्यूटी लगाई गई।
उन्होंने लिखा कि वह किसके इशारे पर काम कर रहा था? इसकी पूरी जांच की जानी चाहिए। देश में हमले करने में आतंकवादियों की मदद करना राष्ट्रद्रोह है।