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पुतिन से नहीं मिलवाए जाने पर क्या बोले राहुल गांधी

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , शनिवार, 6 दिसंबर 2025 (21:01 IST)
Rahul Gandhi News : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में आयोजित डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया, जबकि कांग्रेस के ही सांसद शशि थरूर को बुलाया गया। निमंत्रण नहीं मिलने पर अब राहुल गांधी ने अपनी चुप्‍पी तोड़ते हुए कहा कि कि विदेशों से आने वाले बड़े नेता, जिस भी देश में जाते हैं, वहां नेता प्रतिपक्ष से भी मिलते हैं, लेकिन आजकल ये नहीं हो रहा है। गौरतलब है कि भारत और रूस के बीच 19 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं। इन समझौतों का मकसद दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाना है। 
 
खबरों के अनुसार, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में आयोजित डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया, जबकि कांग्रेस के ही सांसद शशि थरूर को बुलाया गया।
निमंत्रण नहीं मिलने पर अब राहुल गांधी ने अपनी चुप्‍पी तोड़ते हुए कहा कि कि विदेशों से आने वाले बड़े नेता, जिस भी देश में जाते हैं, वहां नेता प्रतिपक्ष से भी मिलते हैं, लेकिन आजकल ये नहीं हो रहा है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी कहा कि सरकार रोजाना प्रोटोकॉल तोड़ती है और लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास नहीं रखती।
 
भारत-रूस संबंधों के बीच जारी राजनीतिक चर्चा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर कड़ा प्रहार करते हुए गौरव भाटिया ने कहा कि भारत और रूस की दोस्ती दुनियाभर में सराहना पाती है, लेकिन भारत में एक विशेष समूह ऐसी उपलब्धियों को कमतर दिखाने और राहुल गांधी द्वारा गढ़ी गई फेक नैरेटिव को बढ़ावा देने में जुटा रहता है।
वहीं इस मामले में केरल भाजपा अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने भी तीखा बयान दिया। उन्होंने कहा कि इसमें किसी साजिश की कल्पना करना हास्यास्पद है। चंद्रशेखर ने स्पष्ट किया कि शशि थरूर, जो संसदीय विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष हैं, प्रोटोकॉल के आधार पर आमंत्रित किए गए।
 
दरअसल, भारत आने वाले विदेशी नेताओं से मुलाकात के कुछ खास नियम होते हैं, जिसमें सरकार के मंत्रियों और अधिकारीयों के साथ उनकी बैठक की जिम्मेदारी विदेश मंत्रालय की होती है लेकिन विदेशी नेता सरकार के मंत्रियों या प्रतिनिधियों के अलावा किन नेताओं से मिलेंगे, ये पूरी तरह यात्रा पर आए नेता और उनकी टीम पर निर्भर करता है, उनकी सरकार पर निर्भर करता है।
गौरतलब है कि भारत और रूस के बीच 19 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं। इन समझौतों का मकसद दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाना है। ये समझौते भारत-रूस के बीच शिप बिल्डिंग, भारतीय नाविकों को बर्फीले समुद्री इलाकों में जहाज चलाने की ट्रेनिंग, नई शिपिंग लेन पर निवेश और सिविल न्यूक्लियर ऊर्जा पर समझौतों पर साइन किए गए।
Edited By : Chetan Gour

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