इंदौर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व को देखते हुए रेल मंत्रालय उज्जैन से काशी तक एक ट्रेन शुरू करने की तैयारी कर रहा है।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने घोषणा की कि भारतीय रेलवे जल्द ही आईआरसीटीसी के तहत उज्जैन में महाकाल और इंदौर से होते हुए काशी विश्वनाथ को जोड़ने वाली एक रात में ही सफर तय करने वाली ट्रेन की शुरुआत करेगा।
रेल मंत्री ने रेलवे को निजी क्षेत्र के लिए खोलने के प्रस्तावों की पैरवी करते हुए यह बात कही। इन प्रस्तावों के विरोध के बारे में पूछे जाने पर गोयल ने कहा कि इन प्रस्तावों के खिलाफ आम लोग हल्ला नहीं कर रहे हैं।
रेलवे क्षेत्र में बड़ा निवेश जुटाने को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल अपनाए जाने पर जोर देते हुए रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस क्षेत्र में विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र का सहयोग बेहद जरूरी है।
गोयल ने कहा कि (बुनियादी ढांचे की कमियों के चलते) कुछ यात्री गाड़ियां आज भी अशोक कुमार के गीत 'रेलगाड़ी' की तर्ज पर छुक-छुक (धीरे-धीरे) करके चलती हैं।
निजी क्षेत्र की मदद से हम देशभर में धीमी गति की रेलगाड़ियों का जमाना खत्म करके उसी तरह तेज रफ्तार से चलने वाली मेमू रेलगाड़ियां और बिजली चालित अन्य सवारी रेलगाड़ियां चला सकेंगे, जैसे मुंबई के उपनगरीय इलाकों में यात्री ट्रेनें चलाई जा रही हैं।
रेल मंत्री ने रेलवे को निजी क्षेत्र के लिए खोलने के प्रस्तावों की पैरवी करते हुए यह बात कही। इन प्रस्तावों के विरोध के बारे में पूछे जाने पर गोयल ने कहा कि इन प्रस्तावों के खिलाफ आम लोग हल्ला नहीं कर रहे हैं। शायद आपको कहीं और हल्ला दिख रहा है। लोग तो इस बात का स्वागत कर रहे हैं कि भारतीय रेल नए युग में प्रवेश कर रही है।
उन्होंने बताया कि रेल मंत्रालय ने देशभर में रेलवे ढांचे के विस्तार और आधुनिकीकरण के जरिए यात्री गाड़ियों तथा मालगाड़ियों में सुविधाएं बढ़ाने के लिए अगले 12 साल में 50 लाख करोड़ रुपए का निवेश जुटाने का लक्ष्य तय किया है।
गोयल ने कहा कि रेलवे और सरकार के बजट में इतना वित्तीय प्रावधान संभव नहीं है जिससे इस बड़े निवेश लक्ष्य को हासिल किया जा सके। लिहाजा स्वाभाविक रूप से हमें पीपीपी मॉडल के आधार पर काम करना ही होगा।
रेल मंत्री ने हालांकि रेलवे के निजी हाथों में चले जाने की आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा कि भारतीय रेल इस देश और इसके लोगों की धरोहर है और यह धरोहर आगे भी बनी रहेगी और रेलवे के सूत्र सरकार के ही हाथों में रहेंगे।
गोयल ने उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन किए। इसके बाद उन्होंने श्रद्धालुओं और सैलानियों की सुविधा के लिए उज्जैन और काशी के बीच जल्द ही विशेष ट्रेन चलाने की यहां घोषणा की।