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रेलवे की नई समय सारिणी में 40 नई सेवाएं, 261 गाड़ियों की गति बढ़ी

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, सोमवार, 1 जुलाई 2019 (23:45 IST)
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे की नई समय सारिणी सोमवार से लागू हो गई जिसमें 40 नई रेल सेवाएं शुरू करने, 21 के मार्ग में विस्तार करने और 8 गाड़ियों के फेरे बढ़ाने के साथ ही 261 गाड़ियों की रफ्तार बढ़ाई गई है। 2 शताब्दी एक्सप्रेस और एक गरीब रथ एक्सप्रेस को बंद करके इनके स्थान पर एक्सप्रेस गाड़ियों को लाया गया है।
 
ट्रेन एट ए ग्लांस में गाड़ियों के रैक के उपयोग को बढ़ाते हुए 40 नई रेल सेवाएं शुरू की गईं हैं, 21 सेवाओं का विस्तार किया गया है और 8 सेवाओं के फेरे बढ़ाए गए हैं। दिल्ली से मोगा और दिल्ली से लुधियाना की शताब्दी को इंटरसिटी एक्सप्रेस में बदला गया है जबकि कानपुर-काठगोदाम गरीब रथ को एक्सप्रेस सेवा में बदला गया है।
 
समय सारिणी के अनुसार रेलवे ने अपने 2,700 रैकों में से 1,000 का मानकीकरण कर लिया है। इससे उनकी परिचालन क्षमता भी बढ़ गई है। मिशन रफ्तार के अनुसार 261 गाड़ियों की यात्रा अवधि में कमी लाई गई है। 141 पैसेंजर गाड़ियों के रैक बदल कर मेमू/डेमू के रैक लगाए गए हैं। इससे उनकी गति बढ़ी है। रेलवे ने 12 गाड़ियों के टर्मिनल बदल दिए हैं जबकि इंजन बदलने की समस्या के कारण 27 जोड़ी ट्रेनों को मुख्य शहरों के सैटेलाइट स्टेशनों पर शिफ्ट कर दिया है।
 
समय सारिणी में किसी नई वंदे भारत एक्सप्रेस की घोषणा नहीं की गई है। इस समय 1 वंदे भारत एक्सप्रेस, 34 हमसफर एक्सप्रेस, 11 अंत्योदय एक्सप्रेस, 2 तेजस एक्सप्रेस, 1 उदय एक्सप्रेस को शामिल किया गया है। ये गाड़ियां पहले से चल रही हैं।
 
वंदे भारत, गतिमान, शताब्दी, राजधानी, दूरंतो, हमसफर, तेजस, अंत्योदय, गरीब रथ, संपर्क क्रांति, युवा, जनशताब्दी आदि 3,600 एक्सप्रेस गाड़ियां चल रही हैं। इनके अलावा 4,300 पैसेंजर ट्रेनें और 5,500 डेमू/मेमू गाड़ियां चल रही हैं। इनके माध्यम से रेलवे रोजाना करीब 2 करोड़ 27 लाख यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाती है और रोजाना करीब 322 करोड़ 66 लाख किलोमीटर का सफर करती है।
 
आईआरसीटीसी के साथ एकीकृत हुई 'रेलयात्री' वेबसाइट : लोकप्रिय ई-टिकटिंग वेबसाइट 'रेलयात्री' को आईआरसीटीसी द्वारा टिकट बुकिंग सेवाएं जारी रखने के लिए अधिकृत किया गया है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कुछ महीनों पहले इन सेवाओं को 'अनधिकृत' करार दिया था।
 
आईआरसीटीसी ने 2017 में पुलिस उपायुक्त, रेलवे एवं अपराध के समक्ष शिकायत देकर आरोप लगाया था कि वेब पोर्टल अवैध तरीके से बुकिंग ले रहा है और ट्रेनों में खाना उपलब्ध करा रहा है। अदालत ने इस साल अप्रैल में कहा था कि 'रेलयात्री' वेबसाइट और मोबाइल ऐप का कारोबार व संचालन अनधिकृत और अनुचित था।
 
'रेलयात्री' ने अब आईआरसीटीसी लाइसेंस हासिल कर लिया है और इसके तहत व उसकी ई-बुकिंग सेवाओं को जारी रखने के लिए अधिकृत है। इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) ने इस कदम की पुष्टि करते हुए कहा कि एकीकरण पिछले हफ्ते किया गया।
 
अधिकारियों ने कहा कि ऐसा एकीकरण यह सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है कि ऐसे पोर्टलों के जरिए टिकट बुक कराने वालों से कोई अतिरिक्त शुल्क न वसूला जाए। इस लाइसेंस के लिए आईआरसीटीसी द्वारा शुल्क लिया जाता है। (भाषा)

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