नई दिल्ली। रेलवे में पिछले तीन साल में सुरक्षा संबंधी गतिविधियों में 57 प्रतिशत निवेश किए जाने के बावजूद इस साल अप्रैल तक सुरक्षा श्रेणी में 16 प्रतिशत पद रिक्त है। एक सरकारी आंकड़े के अनुसार रेल नेटवर्क की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए टिकट निरीक्षण, सिग्नल, इंजीनियरिंग, दूरसंचार जैसी विभिन्न श्रेणियों में कई पद खाली हैं।
रेलवे ने सुरक्षा के लिए वर्ष 2014-15 में 9,925 करोड़ रुपया, वर्ष 2015-16 में 11,133 करोड़ रुपया और अगले वर्ष 15,063 करोड़ रुपया पूंजीगत निवेश किया। हालांकि रेलवे द्वारा उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक रेलवे के विभिन्न सेक्शनों में दो लाख से अधिक पद खाली पड़े हुए हैं। इनमें से अधिकांश पद उत्तरी जोन के हैं।
सुरक्षा संबंधी श्रेणियों में ग्रुप सी और डी में स्वीकृत कर्मचारियों में से अप्रैल 2014 में 17.75 प्रतिशत, अप्रैल 2015 में 16.85 प्रतिशत, 2016 में 16.44 प्रतिशत और अप्रैल 2017 में 16.86 प्रतिशत पद खाली थे। दिल्ली मुख्यालय वाले उत्तर रेलवे (एनआर) में सर्वाधिक 27,537 पद खाली हैं।
इसके बाद कोलकाता मुख्यालय वाले पूर्वी रेलवे मे 19,942 और मुंबई में मुख्यालय वाले मध्य रेलवे मे 19,651 पद खाली हैं, लेकिन सुरक्षा श्रेणी में पदों की रिक्तता के बावजूद 2016-2017 में 78 की तुलना में इस साल के पहले आठ महीनों में रेलों के पटरी से उतरने की संख्या घटकर 37 रही। रेलवे द्वारा मुहैया कराए गए आंकड़ों के मुताबिक इस साल 1 अप्रैल से 30 नवंबर तक कुल 49 ट्रेन हादसे हुए जबकि 2016-17 में 104 और वर्ष 2015-16 में 107 हादसे हुए थे। (भाषा)