सितंबर के महीने में बारिश ने कोहराम मचा दिया है। मध्यप्रदेश में लगातार हो रही बारिश से कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। भारी बारिश के चलते उज्जैन, मंदसौर और झाबुआ में प्रशासन द्वारा सोमवार को सभी स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। मंदसौर में बारिश से सबसे ज्यादा हालात खराब हैं। मंदसौर में 63 गांव पानी में डूब गए। रविवार रात 2300 लोगों को निकालकर राहत शिविर में पहुंचाया गया है। गांधी सागर बांध के कारण मप्र-राजस्थान में बनी परिस्थितियों की रविवार को केंद्र सरकार ने समीक्षा की।
मध्यप्रदेश में 1178 मिमी बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 34 प्रतिशत अधिक है। मौसम विभाग के मुताबिक मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, प. बंगाल, कर्नाटक और केरल समेत 12 राज्यों में अगले मंगलवार को भारी बारिश की आशंका व्यक्त की गई।
मंदसौर में टूटा 120 साल का रिकॉर्ड : मध्यप्रदेश के मंदसौर में बारिश ने 120 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। अब तक यहां करीब 77.5 इंच बारिश हो चुकी है। गांधीसागर डैम के छोड़े गए पानी से शनिवार रात 2.15 बजे रामपुरा जलमग्न हो गया। कई इलाके में 12 से 14 फुट पानी भर गया।
आधी रात में करीब 2300 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। रविवार 117 गांवों को खाली करवाया गया। मौसम विभाग ने रविवार को मंदसौर-नीमच के लिए रेड अलर्ट जारी किया था। बारिश के कारण सड़क मार्ग से राजस्थान से संपर्क टूट गया है।
अब तक 20 हजार लोगों को 55 राहत शिविरों में पहुंचाया जा चुका है। शनिवार देर रात करीब ढाई बजे गांधी सागर डैम का पानी मंदसौर और नीमच जिले के 63 गांवों में पानी घुस गया था।
फिलहाल राहत के आसार नहीं : भोपाल- इंदौर में मंगलवार को हल्की बारिश होने की संभावना है। इसके बाद 22 सितंबर तक कभी कम कभी तेज बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक 23 सितंबर से ही राहत की उम्मीद है। भोपाल में अब तक 165.37 सेमी बारिश हो चुकी है। यह सामान्य से 83 प्रतिशत अधिक है।
शिवराज सिंह ने 1 माह का वेतन दिया : मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाढ़ पीड़ितों के लिए अपना एक माह का वेतन देने की घोषणा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी चर्चा की। शिवराज ने कमलनाथ से अपील की कि वे तत्काल बाढ़ पीड़ितों की मदद करें। शिवराज ने यह भी कहा कि यदि बाढ़ पीड़ितों को सरकार ने मुआवजा नहीं दिया तो वे आंदोलन करेंगे।