बेंगलुरु। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को बेंगलुरु में एलएएल हवाई अड्डे से स्वदेश निर्मित हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) 'तेजस' में उड़ान भरी। वे इस विमान में उड़ान भरने वाले पहले रक्षामंत्री हैं। जानिए हवा से हवा में और हवा से जमीन पर मिसाइल मार गिराने की क्षमता रखने वाले इस स्वदेशी लड़ाकू विमान से जुड़ीं 5 खास बातें...
भारतीय वायुसेना ने 'तेजस' विमान के पहले बैच को बेड़े में शामिल कर लिया है। 2 सीटों वाले इस लड़ाकू विमान को हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स (एचएएल) ने भारतीय वायुसेना के लिए तैयार किया है। इस लड़ाकू विमान का कुल वजन लगभग 6,560 किलोग्राम है।
हल्का होने की वजह से यह 50 हजार फीट तक की ऊंचाई पर भी उड़ान भर सकता है। इसके विंग्स 8.2 मीटर चौड़े हैं। 'तेजस' को उड़ान भरने के लिए आधे किलोमीटर से भी कम जगह की जरूरत पड़ती है। यह 2,376 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है।
'तेजस' की तुलना पाकिस्तान और चीन के शक्तिशाली लड़ाकू विमान जेएफ-17 थंडर से की जाती है। 'तेजस' में हवा में ही ईंधन भरा जा सकता है जबकि थंडर में यह सुविधा नहीं है।
'तेजस' नौसेना के लिए भी बहुत उपयोगी है। यह जहाज पर अरेस्टेड लैंडिंग भी कर सकता है। इससे पहले अमेरिका, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और चीन द्वारा निर्मित कुछ विमानों में ही अरेस्टेड लैंडिंग की तकनीक रही है।
इससे पहले प्रसिद्ध भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू भी तेजस में उड़ाने भर चुकी हैं। उड़ान पूरी करने के बाद सिंधू ने तेजस को 'असली हीरो' करार दिया था। वायुसेना प्रमुख विपिन रावत भी तेजस में उड़ान भर चुके हैं।