वायुसेना का मालवाहक सी 130- जे सुपर हरक्यूलिस विमान गुरुवार को राजस्थान के बाडमेर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को लेकर पहली बार राष्ट्रीय राजमार्ग पर उतरेगा। वायुसेना के विमानों को आपात स्थिति में राष्ट्रीय राजमार्गों पर उतारने के अभ्यास के तहत यह आयोजन किया जा रहा है।
इसके अलावा वायुसेना का लड़ाकू विमान सुखोई 30 भी इसी अभ्यास के तहत राजमार्ग पर उतरने के साथ ही तुरंत दोबारा उडान भरने का अभ्यास करेगा। बाडमेर स्थित इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुखोई 30 विमानों ने आज भी उतरकर तुरंत उडान भरने या टचडाउन का अभ्यास किया। रक्षा मंत्रालय के अनुसार रक्षा मंत्री इसके बाद बाडमेर तथा जैसलमेर में संचालन तैयारियों की भी समीक्षा करेंगे।
वह सतह से हवा में मार करने वाली मध्यम दूरी की मिसाइल को बेड़े में शामिल किये जाने के समारोह में भी हिस्सा लेंगे तथा जैसलमेर में वायुसेना के अधिकारियों तथा जवानों के साथ भी संवाद करेंगे।
वायुसेना के लड़ाकू विमान इससे पहले 2015 में यमुना एक्सप्रेस वे तथा 2016 में लखनऊ एक्सप्रेसवे पर आपात स्थिति में उतरने का अभ्यास कर चुके हैं लेकिन यह पहला मौका है जब वायु सेना के विमान देश के किसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर उतरेंगे। इसका उद्देश्य युद्ध और राहत तथा बचाव अभियानों के दौरान वायु सेना को राष्ट्रीय राजमार्गों पर उतरने में पारंगत करना है।
इसके लिए देश में विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में जम्मू कश्मीर, असम, पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड में राष्ट्रीय राजमार्गों को तैयार किया जा रहा है। इन राजमार्गों पर साढे तीन- चार किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी बनायी जा रही है जिन पर आपात स्थिति में जरूरत पड़ने पर विमानों को उतारा जा सके।
इससे वायुसेना को युद्ध के समय वैक्लपिक हवाई पट्टी उपलब्ध हो जायेंगी क्योंकि दुश्मन की कोशिश सबसे पहले वायु सेना के ठिकानों में बनी हवाई पट्टियों को नष्ट करने की होती है। दुनिया के कई देशों में राष्ट्रीय राजमार्गों तथा एक्सप्रेसवे पर इस तरह की हवाई पट्टी बनाई गई हैं।