Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

मिसाइलों से ज्यादा मोबाइल की मारक क्षमता-राजनाथ

हमें फॉलो करें मिसाइलों से ज्यादा मोबाइल की मारक क्षमता-राजनाथ
, शुक्रवार, 18 दिसंबर 2020 (19:40 IST)
चंडीगढ़। विभिन्न देशों के बीच संघर्ष में जाहिरा तौर पर सोशल मीडिया के प्रभाव का जिक्र करते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि अब मोबाइल फोन की मारक क्षमता मिसाइलों से भी कहीं ज्यादा हो गई है। रक्षामंत्री ने यहां वार्षिक सैन्य साहित्य महोत्सव को संबोधित करते हुए आगाह किया कि भविष्य में विभिन्न प्रकार के सुरक्षा खतरे सामने आ सकते हैं।
ALSO READ: रक्षामंत्री राजनाथ बोले- भारतीय सेना ने LAC पर PLA का किया डटकर मुकाबला
उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कहा कि यह कार्यक्रम दूसरे दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। समय बदलने के साथ ही खतरों और युद्धों की प्रकृति भी बदल रही है। भविष्य में सुरक्षा से जुड़े अन्य विषय हमारे सामने आ सकते हैं।
सिंह ने कहा कि संघर्ष धीरे-धीरे इस तरह से व्यापक होते जा रहे हैं जिनके बारे में पहले कभी कल्पना नहीं की गई थी।
 
संभवत: सोशल मीडिया और मोबाइल ऐप के प्रभाव के संदर्भ में। आज एक मोबाइल की मारक क्षमता एक मिसाइल की पहुंच से भी अधिक हो गई है। दुश्मन अब कोई सीमा पार किए बिना भी लोगों तक पहुंच सकता है। उन्होंने हर सभी से एक सैनिक की भूमिका निभाने का आग्रह किया। हमें इन खतरों से सतर्क रहना चाहिए और गलत एवं भ्रामक जानकारी से खुद को और दूसरों को भी बचाना चाहिए। यह तरह के महोत्सव इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
ALSO READ: रक्षामंत्री राजनाथ बोले- भारतीय सेना ने LAC पर PLA का किया डटकर मुकाबला
रक्षामंत्री ने साहित्यकारों से अपनी प्रतिभा का पूरा उपयोग इसके लिए करने का आग्रह किया। विशिष्ट रूप से चीन का जिक्र नहीं किया। लेकिन वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों देशों के बीच गतिरोध शुरू होने के बाद से भारत ने हाल के महीनों में राष्ट्रीय सुरक्षा और गोपनीयता से संबंधित चिंताओं का जिक्र करते हुए कई चीनी मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगाए हैं। इनमें लोकप्रिय टिकटॉक और वीचैट जैसे ऐप शामिल हैं।
ALSO READ: राजनाथ की चीन को संयम बरतने की सीख, आतंकवाद को बताया सबसे बड़ा अभिशाप
सिंह ने कहा कि महोत्सव का इस वर्ष का संस्करण विशेष है, क्योंकि देश 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध का 50वां वर्ष मना रहा है। कई पूर्व सैनिक मौजूद हैं जिन्होंने उस युद्ध को लड़ा। उन्होंने युवाओं से उन पूर्व सैनिकों से सीख लेने का आग्रह किया। उनका पिछले साल के महोत्सव में भाग लेने का कार्यकम था लेकिन संसद सत्र के कारण वे चंडीगढ़ नहीं आ सके, लेकिन वे महोत्सव के कार्यक्रमों के बारे में जानकारी लेते रहे।
 
उन्होंने कहा कि महोत्सव से सशस्त्र बलों के कामकाज के बारे में आम लोगों की समझ बेहतर हुई और युवाओं में देशभक्ति की भावना पैदा हुई। पंजाब दशकों से बहादुरों की भूमि रही है और ऐसे में यह स्वाभाविक है कि इस तरह के महोत्सव यहां शुरू हुए। यह कार्यक्रम उन योद्धाओं का भी सम्मान है जिन्होंने देश की खातिर अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।
 
इससे पहले पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनोर और जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल एनएन वोहरा ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। यह सालाना कार्यक्रम पंजाब सरकार और सशस्त्र बलों की संयुक्त पहल है। इसका समापन रविवार को होगा। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

दिल्ली हाईकोर्ट का निर्देश, सीएम आवास के बाहर से प्रदर्शनकारियों को हटाएं