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हुर्रियत नेताओं में न कश्मीरियत, न इंसानियत : राजनाथ सिंह

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हमें फॉलो करें Rajnath Singh visited Kashmir
, सोमवार, 5 सितम्बर 2016 (11:44 IST)
श्रीनगर। जम्मू और कश्मीर की यात्रा पर गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा वहां के सभी पक्षों से मुलाकात करने के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि शांति के लिए सभी लोगों से बात हुई और हमें उम्मीद है कि कश्मीर के हालात सुधरेंगे। राजनाथ सिंह ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं की कश्मीर भारत का हिस्सा है और रहेगा।
हुर्रियत पर क्या बोले राजनाथ : राजनाथ सिंह ने कहा कि कुछ लोग हुर्रियत नेताओं से मुलाकात करने गए थे। हुर्रियत के नेताओं ने वार्ता करने से इनकार कर दिया। उनके इस रवैये पर बस इतना ही कहना चाहता हूं कि उनमें न कश्मीरियत है और न इंसानियत। ये कश्मीरियत और इंसानीयत नहीं है।

जम्मू-कश्मीर में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को लेकर गए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा था, है और रहेगा। उन्होंने कहा कि हुर्रियत नेताओं का रवैया क्या रहा सबको पता है। राजनाथ सिंह ने कहा कि हुर्रियत नेताओं का रवैया कहीं से कश्मीरियत नहीं है। हुर्रियत ने जो किया इंसानियत नहीं है। सभी चाहते हैं कश्मीर के हालात बदलें, विश्वास है कि हालात बदलेंगे।

दरअसल, राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल के सदस्य हुर्रियत सदस्यों से व्यक्तिगत आधार पर मिलने गए थे। प्रतिनिधिमंडल के कुछ सदस्य हुर्रियत नेताओं से मिलने गए थे। हमने ना तो स्वीकृति दी और ना ही अस्वीकृत किया। सिंह ने कहा बातचीत के लिए आए प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के साथ दूरी बनाए रखना दर्शाता है कि हुर्रियत के सदस्य लोकतंत्र में यकीन नहीं रखते। सिंह ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के साथ हुर्रियत नेताओं का व्यवहार ना तो ‘कश्मीरियत’ भरा है और ना ही ‘इंसानियत’ जैसा है।

हुर्रियत नेताओं से मिलने पहुंचे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से उनके मिलने से मना कर देने के एक दिन बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि अलगाववादियों का रवैया दर्शाता है कि वे 'कश्मीरियत', 'इंसानियत' और 'जम्हूरियत' में यकीन नहीं रखते हैं।
 
महबूबा ने भेजा था शांतिवार्ता का प्रस्ताव : बातचीत के लिए हमारा दरवाजा ही नहीं खुला है रोशनदान भी खुले हैं। आपने देखा होगा कि हमारी मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अलगाववादियों को स्वयं पत्र लिखकर वार्ता के लिए बुलाया था। कश्मीर के हालात को लेकर पूरे देश को तकलीफ है, सभी का सहयोग चाहिए। कश्मीर पर बातचीत के लिए दरवाजे ही नहीं रोशनदान भी खुले हैं। हमने हालात सुधारने के लिए सबके सुझाव लिए हैं। किसका पहले क्या रुख था इस बहस पर नहीं पड़ेंगे।
 
पैलेटनग की जगह शेल्स गन : पिछले कुछ दिनों पहले लोगों ने पैलेटगन के इस्तेमाल पर बैन लगाने की बात कहीं थी। हमने इर पर एक एक्सपर्ट समिति को गठित किया था। उन्होंने इस पर सुझाव दिया है। पैलेटगन की जगह पावा शेल्स का सुझाव दिया गया है। पावा शेल्स पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि पैलेटगन का विकल्प पावा शेल्स (मिर्ची के गोले) होंगे। पावा गन के 1000 गोले आ गए हैं। पावा शेल्स से किसी की जान नहीं जाएगी।

शांति और वार्ता की उम्मीद : प्रतिनिधिमंडल के दौरे के दूसरे दिन एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुये सिंह ने कहा कि वह इस बारे में आश्वस्त हैं कि राज्य में शांति बहाल होगी और सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले 30 प्रतिनिधिमंडलों के साथ बातचीत की है। गृहमंत्री ने कहा, ‘जहां तक वार्ता का संबंध है तो अमन और सामान्य स्थिति चाहने वाले सभी लोगों के लिए हमारे दरवाजे खुले हैं।
 
राजनाथ सिंह ने कहा कि देश की सर्वोच्च ‘पंचायत’ संसद कश्मीर की स्थिति को लेकर बहुत गंभीर है और इसलिए बातचीत के वास्ते उसने सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल भेजने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि 20 दलों के 26 संसद सदस्य प्रतिनिधिमंडल के अंग के तौर पर यहां बातचीत करने के लिए आए हैं।
 
गृहमंत्री ने कहा कि राज्य के राजनीतिक दलों, नागरिक समाज, विश्वविद्यालय के शिक्षकों, फल उत्पादकों, छात्रों और बुद्धिजीवियों के 300 सदस्यों वाले 30 से अधिक प्रतिनिधिमंडलों ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के समक्ष अपने विचार रखे हैं। उन्होंने कहा, ‘हर कोई चाहता है कि स्थिति में आवश्यक सुधार हो। प्रतिनिधिमंडल ने इन लोगों, राज्य के राज्यपाल और मुख्यमंत्री और राज्य सरकार के अधिकारियों से भी बात की है। मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि स्थिति में सुधार होगा जैसा कि लोग भी चाहते हैं।’ उन्होंने कहा कि केन्द्र स्थिति में सुधार लाने के लिए प्रयास कर रही राज्य सरकार को पूर्ण सहयोग दे रहा है।
 
यह पूछे जाने पर कि क्या कश्मीर के मुद्दे पर भारत पाकिस्तान से बातचीत करने की योजना बना रहा है , सिंह ने कहा, ‘पहले हम भारतीयों से तो बातचीत करें।’ यह पूछे जाने पर कि समय-समय पर पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस द्वारा उठाई जाने वाली स्वायत्तता की मांग पर क्या केन्द्र आगे बढ़ने के लिए तैयार है, उन्होंने कहा, ‘हम इस बात को लेकर चिंतित नहीं हैं कि अतीत में किसने क्या कहा। कश्मीर के हालात में सुधार के लिए हमने प्रतिनिधिमंडल स्तरीय बातचीतों में सभी के विचार जाने हैं और सहयोग मांगा है।’ ट्रैक टू चैनल वार्ता के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि वह ‘ट्रैक वन, ट्रैक टू या ट्रैक थ्री’ स्तरीय बातचीत की बहस में नहीं पड़ना चाहते हैं।
 
कश्मीरी युआओं की मदद : मंत्री ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले कश्मीरी युवकों की समस्याओं का सामाधान करने के लिए मंत्रालय ने डॉक्टर संजय राय को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है जिनसे 011-23092923, 23092885 नंबरों पर संपर्क किया जा सकता है।
 
गौरतलतब है कि 8 जुलाई को आतंकवादी वानी की मौत के बाद से कश्मीर में पिछले 59 दिनों से अलगाववादियों द्वारा युवकों और बच्चों को उकसा कर की जा रही हिंसा के चलते कर्फ्यू जारी है। इस दौरान कम से कम 71 लोगों की मौत हो गई है जबकि हजारों लोगों के साथ ही पुलिसकर्मी और सेना के जवान घायल हो गए हैं। 

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