चंडीगढ़। पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट ने शुक्रवार को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम समेत चार लोगों को दोषी करार दिया है। उन्हें इस मामले में 17 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी।
अदालत ने इस मामले में गुरमीत राम रहीम के साथ ही तीन अन्य लोगों को भी दोषी करार दिया गया। इसके मद्देनजर पंजाब-हरियाणा के कई जिलों समेत चंडीगढ़ में अलर्ट जारी कर दिया गया है। पंजाब के मालवा क्षेत्र के आठ जिलों की सुरक्षा के लिए 25 कंपनियां तैनात की गई हैं।
हरियाणा में विशेषकर पंचकूला, सिरसा (डेरा मुख्यालय) और रोहतक जिलों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। यहां कानून व्यवस्था से जुड़ी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए राज्य सशस्त्र पुलिस की कई कंपनियों, दंगा विरोधी पुलिस और कमांडो बल को तैनात किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि अगस्त 2017 में राम रहीम को सजा सुनाए जाने के दौरान हरियाणा के सिरसा और पंचकूला में हिंसा भड़क गई थी, जिसमें 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। 51 वर्षीय राम रहीम अपनी दो अनुयायियों के साथ बलात्कार के जुर्म में रोहतक की सुनारिया जेल में 20 साल की सजा काट रहा है।
साध्वी यौन शोषण मामले में जो लेटर लिखे गए थे। उन्हीं के आधार पर रामचंद्र छत्रपति ने अपने अखबार में खबरें प्रकाशित की थीं। आरोप है कि छत्रपति पर पहले दबाव बनाया गया। जब वे आरोपियों की धमकियों के आगे नहीं झुके तो 24 अक्टूबर 2002 को उन पर हमला कर दिया गया। 21 नवंबर 2002 को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में उनकी मौत हो गई।
क्या है मामला : साध्वी यौन शोषण मामले में जो पत्र लिखे गए थे। उन्हीं के आधार पर रामचंद्र छत्रपति ने अपने अखबार में खबरें प्रकाशित की थीं। छत्रपति पर पहले दबाव बनाया गया। छत्रपति नहीं झुके तो बाइक पर आए कुलदीप ने 24 अक्टूबर 2002 को गोली मार दी थी। 21 नवंबर 2002 को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में उनकी मौत हो गई। उसके साथ निर्मल भी था। जिस रिवॉल्वर से रामचंद्र पर गोलियां चलाई गईं, उसका लाइसेंस डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर कृष्ण लाल के नाम पर था। गुरमीत राम रहीम पर हत्या की साजिश रचने का आरोप था।