काठमांडू। योगगुरु रामदेव नेपाल में निवेश को लेकर कथित तौर पर विवादों में फंस गए हैं, क्योंकि मीडिया की रिपोर्टों में यह दावा किया गया है कि पतंजलि आयुर्वेद समूह ने बिना आधिकारिक मंजूरी के देश में 150 करोड़ रुपए से अधिक निवेश किया है।
विदेशी निवेश एवं प्रौद्योगिकी स्थानांतरण कानून के तहत यह जरूरी है कि किसी भी विदेशी निवेशक को हिमालयी देश में निवेश से पहले नेपाल निवेश बोर्ड या औद्योगिक विभाग से मंजूरी हासिल करना जरूरी है। अखबार कांतिपुर डेली की रिपोर्ट के मुताबिक रामदेव इस प्रकार की जरूरी मंजूरी लेने में विफल रहे।
इस बीच, रामदेव ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि कंपनी ने नेपाल में काम करते समय किसी भी स्थानीय कानून का उल्लंघन नहीं किया है।
बयान में कहा गया है कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड का प्रस्तावित निवेश सभी जरूरी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरी करने के बाद ही अमल में आएगा। (भाषा)