नई दिल्ली। सरकार सोमवार को आरंभ हो रहे संसद के बजट सत्र में तीन तलाक विरोधी विधेयक को पारित कराने की पुरजोर कोशिश करेगी, हालांकि विपक्ष से उसे कड़े विरोध का सामना करना पड़ सकता है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ इस सत्र की शुरुआत होगी। कोविंद के अभिभाषण के बाद दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की जाएगी। वित्तमंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी को भाजपा नीत राजग सरकार का इस कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट पेश करेंगे।
बजट सत्र का पहला चरण 9 फरवरी को पूरा हो जाएगा। दूसरा चरण 5 मार्च से 6 अप्रैल के बीच होगा। इस बार के बजट में मजबूत राजनीतिक संदेश हो सकता है, क्योंकि 2019 में लोकसभा चुनाव होने वाला है। इस बजट में किसानों और गरीबों पर मुख्य रूप से ध्यान दिया जा सकता है।
बजट से जुड़ी प्राथमिकताओं के अलावा सरकार कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने पर जोर दे सकती है। तीन तलाक संबंधी कानून के अलावा सरकार ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने वाले विधेयक को पारित कराने की कोशिश करेगी। ये दोनों विधेयक राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं। (भाषा)