नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आर्थिक अपराध करके विदेश भागने वालों की संपत्ति जब्त करने संबंधी अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही इसके प्रावधान लागू हो गए हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल की शनिवार को हुई बैठक में इस अध्यादेश के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया था जिसे बाद में मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेज दिया गया।
वित्त मंत्रालय ने रविवार को यहां बताया कि अध्यादेश के अनुसार 100 करोड़ रुपए से अधिक का गबन करके विदेश भागने वाले अपराधियों को 6 सप्ताह के भीतर भगौड़ा घोषित किया जाएगा। इसके अलावा आरोप साबित होने के पहले ही ऐसे भगौड़ों की परिसंपत्ति को जब्त किया जा सकेगा और उसे बेचा जा सकेगा।
भगौड़े आर्थिक अपराधियों से जुड़ा विधेयक संसद के बजट सत्र में पेश किया गया, लेकिन यह पारित नहीं हो सका। अध्यादेश के तहत प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत एक विशेष अदालत गठित किए जाने का प्रावधान किया गया है। ये अदालतें बैंक या वित्तीय संस्थाओं के साथ धोखाधड़ी करने जैसे मामलों में आरोपी को भगौड़ा घोषित सकेंगी।
एक भगौड़ा अपराधी उसे माना जाता है जिसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हो चुका है, लेकिन वह व्यक्ति मुकदमे से बचने के लिए अदालत में पेश नहीं होता हो। इसके अलावा यदि ऐसा कोई व्यक्ति मुकदमे के देश वापस लौटने से इंकार कर दे तो वह भी भगौड़े अपराधी की श्रेणी में आएगा।
अध्यादेश में प्रावधान किया गया है कि भगौड़ा घोषित किए जाने के बाद उस व्यक्ति की देश में स्थित सारी संपत्ति सरकार के नियंत्रण में आ जाएगी और इस पर किसी भी तरह की देनदारी नहीं होगी। इस संपत्ति को कोई भी अपना नहीं कर सकेगा। प्रावधानों के अनुसार यदि भगौड़ा व्यक्ति देश वापस आकर समर्पण कर देता है तो उस पर नए कानून के बजाए मौजूदा कानून के तहत कार्यवाही होगी। (वार्ता)