नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रपति के रूप में कार्यकाल पूरा होने के बाद भी उनका राष्ट्रीय कर्तव्य है कि वे सभी संवैधानिक सिद्धांतों का पालन करने के साथ ही समाज के सभी वर्गों और धर्मों के साथ समान व्यवहार करें।कोविंद ने कहा, एक राष्ट्रपति किसी विशेष वर्ग का पक्ष नहीं ले सकता। यहां तक कि पूर्व राष्ट्रपतियों को भी इन सभी जिम्मेदारियों को निभाना चाहिए।
कोविंद यहां विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे, जहां हिंदू, इस्लाम, ईसाई, बौद्ध और जैन धर्म के धर्मगुरुओं ने उनका अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के लिए समाज के सभी वर्ग और सभी धर्म समान हैं।
कोविंद ने कहा, एक राष्ट्रपति किसी विशेष वर्ग का पक्ष नहीं ले सकता और राष्ट्रपति पद समाज के सभी वर्गों का संरक्षक होता है। यहां तक कि पूर्व राष्ट्रपतियों को भी इन सभी जिम्मेदारियों को निभाना चाहिए और उन्हें संवैधानिक सिद्धांतों का पालन करने की जरूरत है, जो उनका राष्ट्रीय कर्तव्य है।
कोविंद का कार्यकाल सोमवार को पूरा होने के बाद झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने इसी दिन देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली।
पूर्व राष्ट्रपति कोविंद ने बी आर आंबेडकर की प्रशंसा करते हुए कहा, हमारे लोकतंत्र को एक मजबूत नींव देने के अलावा, उन्होंने महिला सशक्तिकरण, औद्योगिक विकास और समाज के अन्य कमजोर वर्गों के लिए भी काम किया।(भाषा)