चंडीगढ़। देशद्रोह, हत्या, अदालत की अवमानना और अन्य मामलों में सलाखों के पीछे पहुंचे हरियाणा के स्वयंभू संत रामपाल अब बिल्कुल अकेला पड़ गया है। कभी रामपाल लाखों समर्थकों के साथ घिरा रहता था और उसकी खूब जयकार होती थी। वक्त बदलते ही अब वह सेंट्रल जेल में अकेला और गुमसुम रहता है।
जेल सूत्रों के मुताबिक, रामपाल सेंट्रल जेल की ऐसी सेल में कैद है, जहां वह गश्त करते एक संतरी के अलावा किसी को नहीं देख पाता है। उसे जेल का खाना भी रास नहीं आ रहा है। पहली रात को उसने खाना भी नहीं खाया। इस सेल में रामपाल को एक कटोरी, प्लेट, मग और कंबल मिला है।
रामपाल को चाय पीना बेहद पसंद है, लेकिन ब्रेड व बिस्कुट उसे उतना ही नापसंद है। हालांकि, चाय की लालच में अब वह नाश्ते में ब्रेड और बिस्कुट भी खाने को तैयार हो गया है।
इसी जेल में रामपाल की सहयोगी बबीता भी बंद है। पुलिस पूछताछ में बबीता ने माना था कि वह रामपाल की बेहद करीबी थी। रामपाल के कहने पर उसी ने आश्रम के सबूत मिटाए थे। यहां तक की रामपाल और वह कई घंटे एक साथ कमरे में समय बिताते थे। उसके अलावा चार और सेविकाएं थीं, हालांकि उनलोगों को रामपाल के कमरे तक जाने की इजाजत नहीं थी।
इससे पहले रामपाल के सतलोक आश्रम में हरियाणा पुलिस की तलाशी अभियान में दो बुलेटप्रूफ जैकेट, हथियारों का जखीरा, 4200 लाठियों समेत कई और कई सामान बरामद हुआ था।
रामपाल के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, राजद्रोह, दंगा भड़काने, लोगों को अवैध रूप से बंदी बनाए जाने सहित कई अन्य मामले दर्ज किए गए थे। रामपाल के समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प के दौरान छह लोगों की मौत हो गई, जिसमें पांच महिलाएं और एक नवजात शिशु शामिल था। (news18.com से)