नई दिल्ली। देश के किसी भी नागरिक की पहचान के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज माने जाने वाले राशन कार्ड कितने प्रामाणिक हैं इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि इनके डिजीटलीकरण के दौरान दो करोड़ 16 लाख राशन कार्ड फर्जी पाए गए हैं।
उपभोक्ता मामलों के राज्यमंत्री सीआर चौधरी ने लोकसभा में आज एक पूरक सवाल के जवाब में कहा कि राशन कार्डों का डिजीटलीकरण किया जा रहा है और इस दौरान दो करोड़ 16 लाख राशन कार्ड फर्जी पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन सभी राशनकार्ड को रद्द किया गया है और इससे 13 हजार करोड़ गरीब लोगों को फायदा हुआ है। इन राशन कार्ड के जरिए वितरित किया जाने वाला राशन गरीबों को मिलेगा।
उन्होंने कहा कि राशन कार्ड को आधार से भी जोड़ा जा रहा है और राज्यों में इस पर विशेष जोर दिया जा रहा है। देश में अब तक करीब 60 प्रतिशत राशनकार्डोँ को आधार से जोड़ा जा चुका है। (वार्ता)