Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

मंदी की थ्योरी पर विवाद के बाद रविशंकर प्रसाद ने दी सफाई

हमें फॉलो करें मंदी की थ्योरी पर विवाद के बाद रविशंकर प्रसाद ने दी सफाई
, रविवार, 13 अक्टूबर 2019 (15:45 IST)
नई दिल्ली। केंद्रीय संचार, सूचना प्रौद्योगिकी एवं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आर्थिक मंदी से जुड़े अपने बयान पर विवाद उठने के बाद रविवार को उसे वापस ले लिया।

प्रसाद ने मुंबई में एक ही दिन में 3 फिल्मों से 130 करोड़ रुपए की कमाई का जिक्र करते हुए कहा था कि देश में आर्थिक मंदी नहीं है। उनके इस बयान पर मीडिया विशेषकर सोशल मीडिया में काफी आलोचना हुई है और कांग्रेस नेतृत्व ने उन्हें आड़े हाथों लिया जिसके बाद उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया।

प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार लोगों की संवेदनाओं का हमेशा ख्याल रखती है। उन्होंने कहा कि उनके बयान के एक हिस्से को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। एक संवेदनशील इंसान होने के नाते वे अपना वक्तव्य वापस ले रहे हैं।

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि यह दुख की बात है कि जब देश में लाखों लोग नौकरियां खो रहे हैं, उनके पैसे पर बैंक कुंडली मारकर बैठे हैं, सरकार को जनता के दुख की फिक्र नहीं है। उन्हें फिल्मों के मुनाफे की परवाह है। मंत्रीजी फिल्मी दुनिया से बाहर निकलिए। हकीकत से मुंह मत चुराइए। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रसाद के बयान पर तीखी टिप्पणी की है और कहा कि प्रसाद हकीकत को स्वीकार करें।

क्या कहा था प्रसाद ने : शनिवार को कानून मंत्री ने कहा था कि 2 अक्टूबर को राष्ट्रीय अवकाश के दिन 3 हिन्दी फिल्मों ने 120 करोड़ रुपए की कमाई की है। यदि अर्थव्यवस्था मजबूत नहीं होती तो केवल 3 फिल्में एक दिन में 120 करोड़ रुपए का कारोबार कैसे करतीं? उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग योजनाबद्ध तरीके से सरकार के खिलाफ लोगों को बेरोजगारी की स्थिति के बारे में गुमराह कर रहे हैं।

कानून मंत्री ने राष्‍ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (एनएसएसओ) की बेरोजगारी पर रिपोर्ट को गलत बताया, जिसमें कहा गया था कि साल 2017 में बेरोजगारी की दर पिछले 45 साल में सबसे ज्यादा रही। एनएसएसओ की रिपोर्ट पर प्रसाद ने कहा कि ऐसे 10 मापदंड हैं, जहां अर्थव्यवस्‍था अच्छा प्रदर्शन कर रही है लेकिन एनएसएसओ की रिपोर्ट में इनमें से किसी को नहीं दिखाया गया है इसलिए वे इस रिपोर्ट को गलत मानते हैं।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलिना जिर्जीवा ने हाल में दावा किया था कि दुनिया की 90 प्रतिशत अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर से गुजर रही है तथा भारत और ब्राजील जैसे देशों पर इसका असर साफ नजर आ रहा है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

भारत की द. अफ्रीका पर सबसे बड़ी जीत, एक पारी और 137 रन से हराया, लगातार 11वीं सीरीज जीती