RBI repo rate : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष की 5वीं द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में लगातार 11वीं बार नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। हालांकि अर्थव्यवस्था में नकदी बढ़ाने के मकसद से केंद्रीय बैंक ने सीआरआर (cash reserve ratio) को 4.5 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत कर दिया। इस कदम से बैंकों में 1.16 लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होगी।
ALSO READ: कर्ज का मुख्य स्रोत बनी रहेगी घरेलू बचत : आरबीआई डिप्टी गवर्नर
मुद्रास्फीति 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान : आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को भी 4.5 प्रतिशत बढ़ाकर 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बुधवार को शुरू हुई 3 दिवसीय बैठक में लिए गए इन निर्णयों की जानकारी दी।
ALSO READ: अर्थव्यवस्था में तेजी के संकेतों से हुई दूसरी तिमाही की शुरुआत : आरबीआई
रेपो दर यथावत रखने का निर्णय : उन्होंने कहा कि एमपीसी ने नीतिगत रेपो दर को यथावत रखने का निर्णय किया है। समिति के 6 में से 4 सदस्यों ने नीतिगत दर को स्थिर रखने के पक्ष में मतदान किया जबकि 2 इसमें बदलाव किए जाने के पक्ष में थे। इसके साथ ही एमपीसी ने अपने रुख को 'तटस्थ' बनाए रखने का निर्णय लिया है।
रेपो वह ब्याज दर है जिस पर वाणिज्यिक बैंक अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। आरबीआई मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिए इस दर का उपयोग करता है। रेपो दर के यथावत रहने का मतलब है कि मकान, वाहन समेत विभिन्न कर्जों पर मासिक किस्त (ईएमआई) में बदलाव की संभावना कम है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta