Dharma Sangrah

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा क्रिप्टोकरेंसी को लेकर हैं चिंतित, जानिए क्या है कारण

Advertiesment
हमें फॉलो करें sanjay malhotra

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

मुंबई , शुक्रवार, 6 जून 2025 (15:28 IST)
cryptocurrency News: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा (Sanjay Malhotra) ने शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय बैंक, क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) को लेकर चिंतित है, क्योंकि इससे वित्तीय स्थिरता बाधित हो सकती है। चालू वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करने के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान मल्होत्रा से क्रिप्टोकरेंसी पर उच्चतम न्यायालय की पिछले महीने की गई टिप्पणी के बाद के उत्पन्न घटनाक्रम के बारे में पूछा गया था। उन्होंने कहा कि क्रिप्टो के मामले में बताने के लिए अभी कुछ नया नहीं है।
 
मल्होत्रा ने कहा कि सरकार की एक समिति इस पर नजर रख रही है। बेशक जैसा कि आप जानते हैं कि हम क्रिप्टो के बारे में चिंतित हैं, क्योंकि यह वित्तीय स्थिरता और मौद्रिक नीति को बाधित कर सकती है। शीर्ष न्यायालय ने केंद्र को क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए एक 'स्पष्ट' नीति तैयार करने का पिछले महीने निर्देश दिया था। न्यायालय ने अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव को भी रेखांकित किया था। उच्चतम न्यायालय की एक पीठ ने बिटकॉइन व्यापार को 'हवाला' कारोबार की तरह ही अवैध व्यापार करार दिया था।ALSO READ: रिजर्व बैंक ने 0.5 घटाया रेपो रेट, 10 बातों से जानिए क्या है RBI की मौद्रिक नीति में खास?
 
भारत, वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक चर्चा पत्र पर काम कर रहा : भारत, वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक चर्चा पत्र पर काम कर रहा है और एक अंतरमंत्रालयी समूह (आईएमजी) वैश्विक मानदंडों पर गौर कर रही है। इस अंतरमंत्रालयी समूह में आरबीआई, बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) और वित्त मंत्रालय के अधिकारी शामिल हैं। इसको लेकर कोई कानून न होने के कारण क्रिप्टोकरेंसी अभी तक भारत में अवैध नहीं है।
 
भारत के क्रिप्टोकरेंसी पर नीतिगत रुख तय करने से पहले यह 'चर्चा पत्र' हितधारकों को अपने विचार प्रस्तुत करने का अवसर देगा। सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले लाभ पर 30 प्रतिशत का सपाट कर लगाने की 2022 में घोषणा की थी। क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर कर लगाने का मतलब इसे वैध ठहराना नहीं है।ALSO READ: RBI की रिपोर्ट में खुलासा, भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा
 
भारत में वर्तमान में क्रिप्टो संपत्तियां नियमों के दायरे में नहीं : भारत में वर्तमान में क्रिप्टो संपत्तियां नियमों के दायरे में नहीं है बल्कि इस पर मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून के नजरिए से गौर किया जा रहा है। इसके अलावा, ऐसी डिजिटल संपत्तियों में कारोबार से होने वाली आय पर आयकर और टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) लगाया जाता है। साथ ही क्रिप्टोकरेंसी कारोबार पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) भी लागू है। गौरतलब है कि 4 मार्च 2021 को उच्चतम न्यायालय ने आरबीआई के 6 अप्रैल 2018 के एक परिपत्र को रद्द कर दिया था। इस परिपत्र के जरिए बैंकों एवं आरबीआई द्वारा विनियमित संस्थाओं पर आभासी मुद्राओं संबंधी सेवाएं प्रदान करने को लेकर रोक लगाई गई थी।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

सेबी का मेहुल चोकसी को बड़ा झटका, कुर्क होंगे बैंक खाते, शेयर और म्यूचुअल फंड